कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को एक बार फिर राफेल विमान सौदे की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से करवाने की मांग की. राहुल गांधी ने वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा राफेल विमान सौदे में भारत की निजी कंपनी को साझेदार के रूप में चुनने के मसले पर सरकार के हालिया बचाव को खारिज किया और कहा कि जेटली और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झूठ बोलना बंद करें और सौदे की जांच जेपीसी से कराने के आदेश दें.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'जेटली की यह खासियत है कि बचाव नहीं करने वाली बातों को बचाव करने के लिए वह अपनी झूठी साधुता दिखाने और क्षोभ जाहिर करने के लिए दोहरी बातें करते हैं या झूठ बोलते हैं.'
राहुल गांधी ने ट्विटर के जरिए कहा, 'वह (जेटली), आरएम (रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण) और हमारे प्रधानमंत्री अब झूठ बोलना बंद करें और राफेल घोटाले का पूरा सच सामने लाने के लिए जेपीसी से जांच करवाएं.'
राहुल गांधी की यह टिप्पणी जेटली के सोशल मीडिया के उस पोस्ट के बाद आई है जिसमें उन्होंने मोदी सरकार के सुझाव पर जेट सौदे में एक निजी कंपनी को साझेदार बनाने के संबंध में फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के दावे की सच्चाई पर सवाल उठाया है.
जेटली ने साझेदारी को लेकर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति के दावे को खारिज करते हुए राहुल गांधी के ट्वीट और ओलांद के बयान के बीच तालमेल बताया.
जेटली ने अपने ब्लॉगपोस्ट में कहा, "यह महज इत्तेफाक नहीं है कि 30 अप्रैल को राहुल गांधी ने वैश्विक भ्रष्टाचार का ट्वीट किया. यह राफेल विमान वास्तव में दूर तक और तीव्र गति से उड़ता है! अगले कुछ सप्ताहों में यह कुछ बड़े बंकर बस्टर बम गिराने जा रहा है."
उन्होंने ओलांद के संबंध में कहा, "फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति के पहला बयान का तुक राहुल के पूर्वानुमान से मिलता है."
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फ्रांस की एक वेबसाईट ने ओलांद के उस बयान को प्रकाशित किया है जिसमें उन्होंने दावा किया है कि भारत सरकार ने फ्रांस की सरकार को विमान सौदे में रिलायंस डिफेंस को भारतीय साझेदार बनाने को कहा था.
Source : IANS