बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद लोकसभा से राहुल गांधी की अयोग्यता पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए बुधवार को कहा कि वह अदालतों में लंबित किसी भी मुद्दे पर टिप्पणी नहीं करेंगे।
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जद (यू) के नेता पहले ही इस मुद्दे पर अपने बयान दे चुके हैं और उनके समान विचार हैं। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि जब से मैं राजनीति में आया हूं, मैंने अदालतों में लंबित मामलों पर कभी टिप्पणी नहीं की। अगर कोई अदालती मामले का सामना कर रहा है, तो मैं उस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा।
मैं पिछले 17 वर्षों से बिहार में सरकार चला रहा हूं, लेकिन मैंने कभी भी किसी अदालती मामले में हस्तक्षेप नहीं किया। सीएम ने आगे कहा कि मैं देश के सभी घटनाक्रमों पर करीब से नजर रख रहा हूं। सब जानते हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है।
मेरा ²ढ़ विश्वास है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले देश में विपक्षी एकता की अधिक से अधिक आवश्यकता है। मैं विपक्षी नेताओं के पहल करने का इंतजार कर रहा हूं। मैं दो बार दिल्ली गया और विपक्षी दलों के नेताओं से मिला। अब मैं उनके कॉल का इंतजार कर रहा हूं।
सीएम ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के रूप में सम्राट चौधरी की नियुक्ति पर भी प्रतिक्रिया दी। सीएम ने कहा कि वह कभी मेरी पार्टी से जुड़े थे। उनका केवल एक ही काम है, जो इधर-उधर जाना है। इसा असर बिहार की राजनीति पर नहीं पड़ेगा। यहां तक कि उपेंद्र कुशवाहा भी हमारे साथ थे और मैंने उन्हें कई अहम पद दिए थे। लेकिन वह भी जद (यू) से चले गए।
उन्होंने मुझसे वादा किया था कि वह जीवन भर कहीं नहीं जाएंगे, लेकिन वह चले गए। इन नेताओं का असर बिहार की राजनीति पर नहीं पड़ेगा।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS