आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने आज ट्वीट करते हुए कहा, संसद में आज सूचीबद्ध मेरे निजी सदस्य का प्रस्ताव माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप न्यायिक नियुक्तियों की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने और न्यायपालिका की स्वतंत्रता को बनाए रखने का प्रयास करता है. यह हमारे संविधान की मूल संरचना का एक हिस्सा है. यह राज्यसभा को भारत सरकार (जीओआई) से देश के सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया के ज्ञापन को शीघ्रता से अंतिम रूप देने और प्रक्रिया के ज्ञापन में निम्नलिखित प्रावधानों को शामिल करने की मांग करने के लिए प्रदान करता है. कॉलेजियम द्वारा पदोन्नति के लिए नामों की सिफारिश के बाद, भारत सरकार के पास कॉलेजियम को टिप्पणियों, टिप्पणियों और खुफिया सूचनाओं को प्रस्तुत करने के लिए 30 दिनों की समय सीमा होगी.
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उन्होंने कहा, ऐसे सभी अवलोकन, टिप्पणियां और इनपुट प्रासंगिक और आवश्यक होने चाहिए, और बाहरी या अनावश्यक पहलुओं पर नहीं होने चाहिए. भारत सरकार को या तो कॉलेजियम की सिफारिश को स्वीकार करना चाहिए या 30 दिनों की पूर्वोक्त अवधि के भीतर कॉलेजियम की सिफारिश को पुनर्विचार के लिए लौटा देना चाहिए. यदि भारत सरकार 30 दिनों के भीतर कार्य करने में विफल रहती है, तो नियुक्ति का वारंट जारी करने के लिए 7 दिनों के भीतर सचिव, न्याय विभाग द्वारा कॉलेजियम की सिफारिश भारत के राष्ट्रपति को भेज दी जाएगी.
यदि भारत सरकार पुनर्विचार के लिए कॉलेजियम को सिफारिश वापस करती है और कॉलेजियम सिफारिश को दोहराता है, तो सचिव, न्याय विभाग, नियुक्ति के वारंट जारी करने के लिए भारत के राष्ट्रपति को उपरोक्त सिफारिश को 15 दिनों के भीतर अग्रेषित करेगा. यहां 6 अप्रैल 2023 के लिए राज्यसभा के कार्य की सूची दी गई है.
Source : News Nation Bureau