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HAL को लेकर राहुल गांधी ने कहा- रक्षा मंत्री प्रूफ दिखाएं या इस्तीफा दें, सीतारमण ने यूं किया पलटवार

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री को चुनौती देते हुए कहा कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को 1 लाख करोड़ दिए जाने के सरकारी आदेश को संसद में दिखाएं नहीं तो इस्तीफा दें.

Updated on: 07 Jan 2019, 12:05 AM

नई दिल्ली:

राफेल लड़ाकू विमान डील को लेकर संसद से लेकर ट्विटर तक सरकार और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. कांग्रेस राफेल डील को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर लगातार घोटाले का आरोप लगा रही है वहीं केंद्र सरकार इसे राजनीतिक स्टंट करार दे रही है. एक बार फिर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण को चुनौती देते हुए कहा कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को 1 लाख करोड़ दिए जाने के सरकारी आदेश को संसद में दिखाएं नहीं तो इस्तीफा दें. इसके अलावा राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर भी निशाना साधा है.

राहुल गांधी ने एक अखबार की कटिंग लगाते हुए रविवार को ट्वीट किया, 'जब आप एक झूठ बोलते हैं तो पहले झूठ को छिपाने के लिए कई झूठ बोलने पड़ते हैं. प्रधानमंत्री की राफेल पर झूठ को बचाने के लिए रक्षा मंत्री ने संसद में झूठ बोला. कल (सोमवार, 7 जनवरी) रक्षा मंत्री को संसद में HAL को 1 लाख करोड़ रुपये के सरकारी आदेश वाले दस्तावेज अवश्य रखने चाहिए नहीं तो इस्तीफा दे दें.'

जिस अखबार की कटिंग को राहुल गांधी ने लगाया है उसके अनुसार, निर्मला सीतारमण ने लोकसभा ने संसद में कहा था कि सरकार ने एचएएल के लिए 1 लाख करोड़ रुपये की योजनाओं का आदेश दिया है जिसके तहत तेजस विमान, हेलीकॉप्टर, एयरो इंजन और अन्य विमानों से जुड़े यंत्रों को बनाने का काम किया जाना है.

इसी अखबार के अनुसार, एचएएल ने कहा है कि 1 लाख करोड़ रुपये में 1 रुपये भी एचएएल के पास अब तक नहीं आया है. जिसके दावे किए गए हैं उनमें एक भी ऑर्डर पर हस्ताक्षर नहीं हुए हैं.

वहीं निर्मला सीतारमण ने राहुल गांधी के ट्वीट का जवाब देते हुए उस पूरी रिपोर्ट (जिसकी कटिंग को कांग्रेस अध्यक्ष ने शेयर किया) का लिंक साझा करते हुए कहा, 'कृपया टाइम्स ऑफ इंडिया की पूरी रिपोर्ट को पढ़ें, जिसका आपने (राहुल गांधी) रेफरेंस दिया था. 'हालांकि लोकसभा का रिकॉर्ड दिखाता है- सीतारमण ने नहीं कहा था कि ऑर्डर पर हस्ताक्षर हो चुके हैं, उन्होंने कहा था कि उस पर काम हो रहा है.'

वहीं निर्मला सीतारमण कार्यालय के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर एचएएल के कॉन्ट्रैक्ट्स को शेयर करते हुए लिखा गया, 'यह शर्मनाक है कि कांग्रेस अध्यक्ष झूठ फैला रहे हैं और देश को गुमराह कर रहे हैं. एचएएल ने 2014 और 2018 के बीच 26,570.8 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट्स हस्ताक्षर किया था और 73,000 करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट्स अभी लागू होने हैं. क्या राहुल गांधी सदन के अंदर से देश से माफी मांगेगे और इस्तीफा देंगे?'

इससे पहले शुक्रवार को लोकसभा में सीतारमण ने राफेल सौदे में भ्रष्टाचार के सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और बहस के दौरान अपने ढाई घंटे के जवाब में कहा, 'बोफोर्स एक घोटाला था, लेकिन राफेल राष्ट्रीय हित में लिया गया एक निर्णय था. राफेल एक नए भारत का निर्माण करने और भ्रष्टाचार हटाने के लिए मोदी को (सत्ता में) वापस लाएगा.'

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रक्षामंत्री ने कहा कि रक्षा सौदे और रक्षा में सौदे के बीच अंतर है. उन्होंने कहा था किु कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह एचएएल (हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड) के लिए घड़ियाली आंसू बहाती है. उन्होंने कहा था, 'कांग्रेस सरकार ने एचएएल को 53 बार छूट दी, जबकि हमने 1 लाख करोड़ रुपये का ठेका दिया.'

उन्होंने कहा था, 'हमने राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए रक्षा में सौदा किया.' उन्होंने कहा कि पहला राफेल जेट विमान इस साल सितंबर में आएगा और बाकी 35 विमान 2022 तक मिल जाएंगे.

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