Fastag: नितिन गडकरी का बड़ा ऐलान, अब सिर्फ इतने रूपए देने पर सालभर फ्री हो जाएगा Toll Tax, जानें कब से लागू होगा नया नियम
विद्युत जामवाल ने संस्कृत में दिया भाषण, बोले- ‘योग ने दी मेरी जिंदगी को दिशा’
पहले टेस्ट के लिए भारतीय टीम में हर्षित राणा शामिल
'बागी बेचारे' का भोपाल शूटिंग शेड्यूल पूरा, अभिषेक बनर्जी ने बताया शानदार सफर
Breaking News: असम के सिलचर में ढहा हरंग पुल, नदी में गिरे दो ट्रक, राहत बचाव अभियान जारी
बिहार: भाजपा ने प्रशांत किशोर के खिलाफ साइबर थाने में दर्ज कराई एफआईआर
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सीएम योगी को लिखा पत्र, यूपी के योगदान को सराहा
सिर्फ दो बल्लेबाज, जिनके नाम है भारत-इंग्लैंड के बीच टेस्ट इतिहास में 'तिहरा शतक'
चेन्नई : अभिनेता आर्य के सी-शेल रेस्टोरेंट पर आयकर विभाग का छापा

Rafale Deal: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, आखिर कैसे हुई राफेल डील

केंद्र सरकार ने राफेल खरीद की प्रकिया से जुड़े सारे दस्तावेज याचिकाकर्ता को सौंपते हुए कहा,' राफेल की खरीद में पूरी प्रकिया का पालन किया गया। करीब एक साल तक फ्रांस सरकार से बात चली.'

केंद्र सरकार ने राफेल खरीद की प्रकिया से जुड़े सारे दस्तावेज याचिकाकर्ता को सौंपते हुए कहा,' राफेल की खरीद में पूरी प्रकिया का पालन किया गया। करीब एक साल तक फ्रांस सरकार से बात चली.'

author-image
vineet kumar1
एडिट
New Update
Rafale Deal: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, आखिर कैसे हुई राफेल डील

Rafale Deal: सरकार ने खरीद प्रक्रिया से जुड़े दस्तावेज किये सार्वजनिक

राफेल डील (Rafale Deal) को लेकर विपक्ष के आरोपों को झेल रही केंद्र की मोदी सरकार (Modi Sarkar) ने आज (सोमवार) सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में इस सौदे की खरीद प्रक्रिया से जुड़े सारे दस्तावेज याचिकाकर्ता को सौंप दिए. इसके साथ ही केंद्र सरकार ने राफेल विमानों की कीमतों के बारे में सुप्रीम कोर्ट की ओर से मांगी गई जानकारी पर अपना जवाब एक सीलबंद लिफाफे में सौंप दिया. 

Advertisment

केंद्र सरकार ने राफेल खरीद की प्रकिया से जुड़े सारे दस्तावेज याचिकाकर्ता को सौंपते हुए कहा,' राफेल की खरीद में पूरी प्रकिया का पालन किया गया. करीब एक साल तक फ्रांस सरकार से बात चली.'

'36 राफेल विमानों की खरीद में फैसले लेने की प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी' वाले इस दस्तावेज में सरकार ने यह भी कहा कि कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्यॉरिटी (सीसीएस) से अनुमति लेने के बाद समझौते पर हस्ताक्षर किए गए.'

और पढ़ें: चिदंबरम ने राफेल डील पर उठाए सवाल कहा इस मुद्दे की हो गहन जांच

केंद्र सरकार ने यह भी कहा कि ऑफसेट पार्टनर चुनने में सरकार का कोई रोल नहीं है, नियमो के मुताबिक विदेशी निर्माता किसी भी भारतीय कंपनी को बतौर ऑफसेट पार्टनर चुनने के लिए स्वतंत्र है. इतना ही नहीं उन्होंने यूपीए (UPA) के जमाने से चली आ रही रक्षा उपकरणों की खरीद प्रकिया (2013) का पालन किया गया है.

दस्तावेजों में दी गई जानकारी के अनुसार जब भारतीय वार्ताकारों ने 4 अगस्त 2016 को 36 राफेल जेट से जुड़ी रिपोर्ट पेश की, तो इसका वित्त और क़ानून मंत्रालय ने आंकलन किया और कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्युरिटी ने 24 अगस्त 2016 को इसे मंजूरी दी. इसके बाद भारत-फ्रांस के बीच समझौते को 23 सितंबर 2016 को अंजाम दिया गया.

और पढ़ें: जानें राफेल डील की A-Z जानकारी, इन 10 खूबियों के चलते चुना गया

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 31 अक्टूबर को सरकार को आदेश दिया था कि वो याचिकाकर्ता को खरीद प्रक्रिया से जुड़े दस्तावेज उपलब्ध कराए, जिसका पालन आज सरकार ने किया.

Source : News Nation Bureau

Rafale Deal Case Dassault Supreme Court document on decision process
      
Advertisment