logo-image

अटॉर्नी जनरल ने लिया यू-टर्न, कहा- राफेल के दस्तावेज चोरी नहीं हुए

केंद्र सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट सील बंद लिफाफे में दिए जानकारी में बताया है कि इस सौदे से जुड़े दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी नहीं हुई बल्कि इन दस्तावेजों के फोटो कॉपी लीक किए गए हैं.

Updated on: 10 Apr 2019, 08:46 AM

नई दिल्ली:

राफेल सौदे में हुए कथित घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट में जो सुनवाई चल रही है उसमें मोदी सरकार ने एक फिर यू टर्न लिया है. केंद्र सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट सील बंद लिफाफे में दिए जानकारी में बताया है कि इस सौदे से जुड़े दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी नहीं हुई बल्कि इन दस्तावेजों के फोटो कॉपी लीक किए गए हैं. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने इस डील को लेकर कहा था कि रक्षा मंत्रालय से इसके दस्तावेज चोरी हो गए हैं. सरकार के इस जवाब के बाद विपक्ष उनपर हमलावर हो गया था और राहुल गांधी ने कहा था कि अब साबित हो गया है कि 'चौकीदार ही चोर है'. ओलचना होने के बाद अब केंद्र सरकार ने इस पर सुप्रीम कोर्ट को यह नई जानकारी दी है. मुझे यह मालूम चला है कि विपक्ष में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान रक्षा मंत्रालय से दस्तावेजों के चोरी होने की बात कही गई. यह पूरी तरह गलत है. हालांकि, बुधवार को सुनवाई के दौरान यह खबर आई थी कि वेणुगोपाल ने कोर्ट को दस्तावेजों के चोरी होने की बात कही थी. 

यह भी पढ़ें- अवमानना केस में प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, मांगनी पड़ी माफी

वेणुगोपाल ने कहा- सुप्रीम कोर्ट में मैंने जो कहा था, उसका मतलब यह नहीं था कि दस्तावेज चोरी हुए थे. मैं यह कहना चाहता था कि याचिकाकर्ताओं ने मूल दस्तावेजों की फोटोकॉपियों का इस्तेमाल किया था और यह दस्तावेज बेहद गोपनीय थे. दस्तावेजों के चोरी होने की बात पूरी तरह से गलत है.

क्या बोले वेणुगोपाल

उन्होंने कहा कि जिन दस्तावेजों के आधार पर यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और प्रशांत भूषण जांच की मांग करने वाली याचिकाओं को रद्द करने के फैसले पर पुनर्विचार की मांग कर रहे थे, वह तीन मूल दस्तावेजों की फोटोकॉपी थी. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि अटॉर्नी जनरल द्वारा इस्तेमाल किया गया शब्द बेहद सख्त था और इसे नजरंदाज किया जाना था.

क्या कहा था राहुल गांधी

अगर सरकार कह रही है कि राफेल सौदे के दस्तावेज चोरी होने से ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट का उल्लंघन हुआ है, तो उस पर एफआईआर दर्ज कराएं. पीएमओ का मतलब प्रधानमंत्री ऑफिस नहीं. सीधे प्रधानमंत्री है. इसके अलावा कई विपक्षी नेताओं ने दस्तावेज चोरी होने की बात पर सरकार को ही कठघरे में खड़ा किया था.