बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन विधान परिषद में राष्ट्रीय जनता दल के पांच सदस्यों का निलंबन रद्द किए जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव का धरना समाप्त हो गया. विधान परिषद में विपक्ष के लागतार हंगामे के बाद बुधवार को सभापति ने राजद के पांच सदस्यों को दो दिन के लिए निलंबित कर दिया था. इसके विरोध में विपक्ष की नेता राबड़ी देवी सहित कई सदस्य कार्यवाही समाप्त हो जाने के बाद भी सदन में धरने पर बैठ गए. इधर, विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव भी अन्य विपक्षी सदस्यों के साथ निलंबन के विरोध में विधानसभा द्वार पर धरना पर बैठ गए.
इसकी सूचना के बाद विधान परिषद के सभापति हारून रशीद विधान परिषद पहुंचे और सभी निलंबित सदस्यों का निलंबन रद्द कर दिया. इसके बाद राजद नेताओं का धरना समाप्त हो गया. तेजस्वी यादव ने इसे विपक्ष की एकता की जीत बताते हुए कहा, 'सरकार ने भी अपनी गलती मान ली, तभी तो निलंबन वापस लेना पड़ा. उन्होंने कहा कि आखिर जिन नेताओं को सदन से निलंबित किया गया था, उन्होंने तो केवल जनता की बात रखने का काम किया था. सरकार की तानाशाही नीति नहीं चलेगी.'
इससे पूर्व विधान परिषद की कार्यवाही विपक्ष के हंगामे के कारण बुधवार को पहले दोपहर 12 बजे और फिर गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई. सदन की कार्यवाही प्रारंभ होने के बाद ही विपक्षी सदस्य सीबीआई के दुरूपयोग को लेकर वेल में पहुंच कर हंगामा करने लगे.
विधान परिषद में हुए हंगामे के दौरान सभापति हारून रशीद ने विपक्ष के पांच सदस्यों राधाचरण सेठ, सुबोध राय, दिलीप राय, कमर आलम, खुर्शीद मोहसिन को दो दिन के लिए निलंबित कर दिया. निलंबन के विरोध में राबड़ी देवी वेल में पहुंचकर धरना पर बैठ गई. उनके साथ प्रेमचंद मिश्रा, रामचंद्र पूर्वे, सुबोध कुमार, दिलीप राय,, कमर आलम और खुर्शीद मोहसिन भी राबड़ी देवी के साथ धरना पर बैठ गए. इधर, विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव राजद के अन्य सदस्यों के साथ विधानसभा मुख्यद्वार पर धरना पर बैठ गए थे.
Source : IANS