रवीन्द्र नाथ टैगोर ने दी थी सत्य और अहिंसा के पुजारी को 'महात्मा' की उपाधि

महात्मा गांधी को महात्मा की उपाधि रवीन्द्र नाथ टैगोर ने दी थी और रवीन्द्र नाथ टैगोर को गुरुदेव की उपाधि गांधी जी ने दी थी।

author-image
desh deepak
एडिट
New Update
रवीन्द्र नाथ टैगोर ने दी थी सत्य और अहिंसा के पुजारी को 'महात्मा' की उपाधि

महात्मा गांधी (फाइल फोटो)

सत्य और अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी का नाम इतिहास के पन्नों में सदा के लिए अमर है। गांधी सिर्फ देश में ही नहीं विदेशों में भी प्रसिद्ध रहे है।

Advertisment

महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर, गुजरात में हुआ। महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। देश की आजादी के लिए सत्य और अहिंसा को भी हथियार बनाया जा सकता है, यह बात महात्मा गांधी ने दुनिया को सिखाई थी।

महात्मा गांधी को महात्मा की उपाधि रवीन्द्र नाथ टैगोर ने दी थी और रवीन्द्र नाथ टैगोर को गुरुदेव की उपाधि गांधी जी ने दी थी। 12 अप्रैल, 1919 को गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने गांधी जी को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्हें 'महात्मा' का संबोधन दिया गया था।

और पढ़ेंः लालबहादुर शास्त्री जयंती: जब ईमानदारी के लिये शास्त्री जी ने खुद के बेटे का प्रमोशन कर दिया था रद्द!

इसके उपरांत गांधी जी के साथ महात्मा शब्द अनुलग्नक के रूप में लिखा जाने लगा और इसे समूचे देश मे इसे अघोषित मान्यता मिल गयी। हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि बापू को महात्मा की उपाधि रवीन्द्रनाथ टैगोर ने नहीं बल्कि सौराष्ट्र के एक अज्ञात पत्रकार ने उन्हें यह खिताब दिया था। अब यह मामला गुजरात हाई कोर्ट के विचारार्थ है।

4 जून 1944 को सुभाष चन्द्र बोस ने सिंगापुर रेडियो से एक संदेश प्रसारित करते हुये महात्मा गांधी को 'देश का पिता' कहकर संबोधित किया। इसके बाद पुनः 6 जुलाई 1944 को सुभाष चन्द्र बोस ने रेडियो सिंगापुर रेडियो से एक संदेश प्रसारित करते हुये महात्मा गांधी को 'राष्ट्रपिता' कहकर संबोधित किया।

30 जनवरी 1948 को 78 साल की उम्र में उनकी हत्या नाथूराम गोडसे ने कर दी।

और पढ़ेंः गांधी जयंती पर पीएम मोदी बोले- 3 साल से स्वच्छता अभियान में लगा है देश

Source : Deshdeepak

title of mahatma Rabindranath Tagore Mahatma Gandhi title of president
      
Advertisment