झारखंड के दुमका जिले में स्थित बासुकीनाथ धाम में जमशेदपुर निवासी हिस्ट्रीशीटर अमरनाथ सिंह की हत्या गोली मारकर कर दी गई। वारदात गुरुवार रात लगभग 12 बजे की है।
अमरनाथ अपने परिवार के सदस्यों के साथ देवघर और बासुकीनाथ में कांवड़िए के रूप में जलार्पण और पूजा के लिए गया था। उसकी हत्या गैंगवार का नतीजा मानी जा रही है।
बताया जा रहा है कि उसे गोली मारने वाले भी कांवड़िए के भेष में आए थे। वह जब बासुकीनाथ नंदी चौक के पास एक दुकान पर अपने भतीजे के साथ चाय पी रहा था, तभी कांवड़िए के भेष वाले दो लोगों ने अपने थैले से पिस्तौल निकाली और उसकी कनपट्टी से सटाकर तीन-चार गोलियां दाग दीं। मौके पर ही उसकी मौत हो गई। हमलावर पैदल ही भाग निकले।
बिहार के सुल्तानगंज से लेकर झारखंड के देवघर और बासुकीनाथ तक इन दिनों श्रावणी मेला चल रहा है। पूरा इलाका दिन-रात कांवड़ियों और दर्शनार्थियों से गुलजार है। अमरनाथ सिंह पूजा अर्चना करने के उपरांत अपने गांव के भतीजे मनीष कुमार के साथ था, जबकि अमरनाथ की पत्नी नेहा सिंह, उसके साथ आए चार लोग व परिवार के अन्य सदस्य मेले में घूम रहे थे।
फायरिंग की आवाज सुनकर आस-पास बड़ी संख्या में मौजूद पुलिसकर्मियों और स्थानीय लोगों ने उसे अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सक ने उसकी मृत्य की पुष्टि कर दी।
अमरनाथ जमशेदपुर गौड़ बस्ती, कृष्णा नगर मानगो का रहने वाला था। वह पहले जमशेदपुर के गैंगस्टर परमजीत सिंह के गिरोह का सदस्य था।परमजीत की हत्या के बाद उसने अपना गिरोह बना लिया था। वारदात के पीछे गैंगवार मुख्य कारण माना जा रहा है।
जमशेदपुर के गणेश गैंग और अमरनाथ गैंग में अदावत चल रही थी। दुर्गापूजा के आसपास भी आपसी गैंगवार में अमरनाथ ग्रुप के एक युवक की हत्या हुई थी।
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Source : IANS