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दिल्‍ली में चुनाव से पहले राम मंदिर ट्रस्‍ट की घोषणा पर उठे सवाल, जानें किसने क्‍या कहा

कांग्रेस ने चुनाव से ठीक पहले सरकार की घोषणा पर सवाल खड़े किए हैं, वहीं AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह घोषणा 8 फरवरी की शाम को भी हो सकती थी.

Updated on: 05 Feb 2020, 02:08 PM

नई दिल्‍ली:

दिल्‍ली में विधानसभा चुनाव से ऐन पहले राम मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्‍ट की घोषणा के बाद से राजनीति तेज हो गई है. कांग्रेस ने चुनाव से ठीक पहले सरकार की घोषणा पर सवाल खड़े किए हैं, वहीं AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह घोषणा 8 फरवरी की शाम को भी हो सकती थी. शिवसेना नेता संजय राउत ने जहां इस घोषणा का स्‍वागत किया है, वहीं यह भी कहा है कि यह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के आधार पर किया गया है. 

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, संसद का सत्र 11 फरवरी को समाप्त होगा. यह घोषणा 8 फरवरी के बाद भी हो सकती थी. आज इस घोषणा के बाद लगता है कि बीजेपी दिल्ली चुनाव को लेकर चिंतित है. ओवैसी ने यह भी कहा, पीएम मोदी रैली में इसकी घोषणा नहीं कर सकते थे इसलिए इसे संसद में रखा. प्रधानमंत्री को आदर्श आचार संहिता की भावना को ध्यान में रखना चाहिए. ओवैसी ने कहा, न बाबरी भूले हैं और न ही भूलेंगे. प्रधानमंत्री को आदर्श चुनाव आचार संहिता का ध्‍यान रखना चाहिए था. बीजेपी ने दिल्‍ली चुनाव के लिए आखिरी पत्‍ता खेला है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि जनता बीजेपी के झांसे में आएगी. ओवैसी ने सुन्‍नी वक्‍फ बोर्ड से अपील की कि वह यूपी सरकार द्वारा मस्‍जिद निर्माण के लिए दी जाने वाली 5 एकड़ जमीन न ले. उन्‍होंने यह भी कहा, यकीनन दलितों के बाद भारत का मुसलमान गरीब है, लेकिन इतना भी गरीब नहीं है कि वह एक मस्‍जिद नहीं बना सके.

राम मंदिर ट्रस्‍ट की घोषणा के बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, मैं महाराष्ट्र के मुख्‍यमंत्री की ओर से प्रधानमंत्री की घोषणा का स्वागत करता हूं, लेकिन आप सभी जानते हैं कि राम मंदिर निर्माण के पक्ष में सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला दिया था और उस निर्णय का सम्मान करना सरकार की जिम्मेदारी है.