विकास योजनाओं से पूर्वांचल में कॉरिडोर बना रही भाजपा
विकास योजनाओं से पूर्वांचल में कॉरिडोर बना रही भाजपा
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव में सत्ता दोहराने के फिराक में जुटी भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) इस बार पूर्वांचल को अपनी धुरी बनाना चाहती है। इसीलिए योगी सरकार के साथ केन्द्र सरकार ने भी यहां पर ज्यादा फोकस करना शुरू किया है। विपक्ष को पीछे धकेलने के लिए यहां पर योजनाओं के जरिए विकास और रोजगार की चमक से भाजपा दोबारा सत्ता पर काबिज होना चाहती है।2014 के चुनाव से शुरू हुआ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति लोगों का आकर्षण 2017 में भी कम नहीं हुआ था। विकास के भरोसे उन्हें लगातार यहां से समर्थन मिल रहा है। पूर्वांचल के विकास की उम्मीद में लोगों की निगाह अभी भी प्रधानमंत्री पर ही टिकी हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने अपनी रैलियों में पूरी ताकत के साथ जनता से कहा कि यदि इस क्षेत्र का विकास करना है तो उसे डबल इंजन की सरकार बनानी पड़ेगी। जनता ने भाजपा नेताओं की इस बात पर भरोसा किया और उसे पूर्वांचल की 115 सीटें सौंप दीं। इसका सीधा परिणाम हुआ कि भाजपा ने रिकॉर्ड 312 सीटों पर जीत के साथ सत्ता हासिल की और योगी आदित्यनाथ प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
यूपी के इस हिस्से को विकास से अछूता न रखने के लिए सबसे पहले 341 किमी लंबा यह एक्सप्रेसवे 9 जिलों लखनऊ से होते हुए बाराबंकी, अयोध्या, अंबेडकरनगर, अमेठी, सुल्तानपुर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर से होकर गुजरेगा। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की शुरूआत लखनऊ सुलतानपुर राजमार्ग पर चंदसराय गांव से गाजीपुर जिले के हलदरिया गांव पर खत्म होगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के आसपास 5 इंडस्ट्रियल क्लस्टर्स बनाने की योजना सरकार की है। इससे बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।
यूपी विधानसभा चुनाव से पहले बाबा विश्वनाथ का दरबार वैश्विक स्तर पर अपने अलग स्वरूप में नजर आएगा। श्री काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण दिसंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। फिलहाल धाम का 80 फीसदी से अधिक कार्य पूरा हो चुका है। कुशीनगर को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की सौगात प्रधानमंत्री दे चुके हैं। 589 एकड़ में 260 करोड़ की लागत से बना ये हवाई अड्डा उत्तर प्रदेश का तीसरा और सबसे लंबे रनवे वाला एयरपोर्ट भी है। विंध्य क्षेत्र मीर्जापुर और सोनभद्र जिले में शुद्ध जलापूर्ति के लिए हर घर नल योजना शुरू हुई है। इसके साथ ही अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर, खाद कारखाना, सल्फरलेस चीनी के साथ विद्युत उत्पादन करने वाली पिपराइच और मुंडेरवा (बस्ती) चीनी मिल। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे-सौंदर्यीकरण के बाद रामगढ़ ताल का निखरा स्वरूप- गोरखपुर में चिड़ियाघर- अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त योगिराज गंभीरनाथ प्रेक्षागृह व महंत दिग्विजय नाथ स्मृति पार्क। सिद्धार्थनगर में मेडिकल कॉलेज। देवरिया में मेडिकल कॉलेज। बाढ़ बचाव के लिए तरकुलानी रेगुलेटर। राप्ती नदी के राजघाट का पर्यटन स्थल के रूप में विकास। चौरीचैरा शहीद स्मारक का सौंदर्यीकरण। इसके अलावा भी अन्य कई योजनाओं पर केन्द्र और राज्य सरकारें मिलकर काम कर रही हैं।
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनीष दीक्षित ने बताया कि भाजपा चाहती है कि प्रदेश के हर हिस्से का समान विकास हो। सपा, बसपा, कांग्रेस पूर्वांचल को वोटबैंक तो बनाया। लेकिन उसे अनाथ छोड़ दिया। भाजपा पूर्वांचल को विकास हब बना रही है। विकास और सुशासन की राजनीति को जनता अपना अशीर्वाद देगी।
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक रतनमणि लाल कहते हैं कि पिछले कई दशकों से पिछड़े इस इलाके पर भाजपा सरकार का फोकस है। तमिलनाडु, महाराष्ट्र और गुजरात में उद्योग को बहुत बढ़ावा दिया गया है। यहां का विकास किया गया। जिस काल में यहां का विकास हुआ। तो सरकारें हर चरण में आती रहीं। उद्योग लगाने का फायदा लम्बे समय में होता है। ऐसा नहीं कि यहां पर जातिवाद नहीं था। लेकिन उद्योग और विकास से काबू किया गया। भाजपा और आरएसएस के नीति-निर्धारकों ने भी इसी फॉमूले का इस्तेमाल किया है। यहां पर बहुत सारी योजनाएं चल रही हैं। जिसमें राज्य सरकार भी भरपूर सहयोग कर रही है। कहा कि पूर्वांचल को चुनना दीर्घकालीन राजनीतिक व्यवस्था के लिए किया जा रहा है। जो भी काम हो रहा है कि वह कई सालों तक दिखाई देता रहा। पूर्वांचल में जो विकास की परियोजनाएं चल रही हैं। इसके दूरगामी परिणाम होंगे।
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