कतर के विदेश मंत्री ने चेतावनी दी है कि तालिबान को अलग-थलग करने से और अस्थिरता पैदा हो सकती है। उन्होंने विभिन्न देशों से अफगानिस्तान में सुरक्षा और सामाजिक आर्थिक चिंताओं को दूर करने के लिए मूवमेंट में शामिल होने का आग्रह किया है।
अल जजीरा ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी ने मंगलवार को दोहा में अपने जर्मन समकक्ष हेइको मास के साथ यह टिप्पणी की है।
शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी ने मंगलवार को दोहा में कहा, अगर हम शर्तें रखना शुरू कर रहे हैं और इस जुड़ाव को रोक रहे हैं, तो हम एक शून्य छोड़ने जा रहे हैं और सवाल यह है कि इस शून्य को कौन भरेगा?
अमेरिका से संबद्ध खाड़ी अरब राष्ट्र तालिबान के लिए एक प्रमुख वार्ताकार के रूप में उभरा है, जिसने 2013 से समूह के राजनीतिक कार्यालय की मेजबानी की है।
शेख मोहम्मद ने कहा, हमारा मानना है कि जुड़े बिना हम सुरक्षा के मोर्चे पर या सामाजिक आर्थिक मोर्चे पर वास्तविक प्रगति तक नहीं पहुंच सकते हैं।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि तालिबान को सरकार के रूप में मान्यता देना ही प्राथमिकता नहीं है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कतर के विदेश मंत्री ने अमेरिका की वापसी के बाद किसी भी तरह के आतंकवाद के बढ़ने के खिलाफ चेतावनी दी और एक समावेशी सरकार का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, हमारी भूमिका हमेशा उनसे (तालिबान) एक विस्तारित सरकार के लिए आग्रह करने की है, जिसमें सभी पार्टियां शामिल हों और किसी भी पार्टी को बाहर न रखा जाए।
कतर के विदेश मंत्री अल-थानी ने कतर और अफगानिस्तान के नए शासकों के बीच हाल की बातचीत का जिक्र करते हुए कहा, तालिबान के साथ हमारी बातचीत के दौरान कोई सकारात्मक या नकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
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Source : IANS