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भगवान जगन्नाथ के बाहुबली सेवायत ने जीता सबका दिल

भगवान जगन्नाथ के बाहुबली सेवायत ने जीता सबका दिल

Updated on: 20 Jul 2021, 02:25 PM

भुवनेश्वर:

महामारी और सोशल मीडिया की बदौलत पर्दे के पीछे के कई चेहरों को सुर्खियों में आने का मौका मिला है, ऐसा ही कुछ अनिल गोचिकर के साथ हुआ है, जिन्होंने बाहुबली सेवायत या भगवान जगन्नाथ के अंगरक्षक के रूप में लोकप्रियता हासिल की है।

पुरी में भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों की बहुदा यात्रा के शुभ अवसर पर, पुरी जगन्नाथ मंदिर के एक प्रतिहारी सेवक गोचिकर अपने सुडौल शरीर और सज्जन व्यक्ति के रवैये के लिए प्रसिद्ध हो गए हैं।

रथ यात्रा के दौरान उनकी कुछ तस्वीरें वायरल होने के बाद 43 वर्षीय अनिल इंटरनेट सनसनी बन गए। एक तस्वीर में वे रथ पर खड़े थे तो दूसरी में वे भव्य रथों को खींच रहे थे। लोग जल्द ही उन्हें बॉडीगार्ड और बाहुबली सेवायत कहने लगे।

गोचिकर का परिवार पीढ़ियों से भगवान जगन्नाथ के व्यक्तिगत सुरक्षा बल का हिस्सा रहा है।

बचपन से, वह अखाड़ा (शारीरिक फिटनेस प्रथाओं का एक स्थान) में भाग लेते रहे हैं। अनिल ने आईएएनएस को बताया, साल 2010 में, मैंने जिम ज्वाइन किया और अपने बड़े भाई सुनील, जो एक बॉडी बिल्डर भी हैं, उनसे प्रेरित होकर व्यायाम करना शुरू किया। तब से, मैं लगातार दोपहर में रोजाना शारीरिक व्यायाम कर रहा हूं।

उन्होंने पहले ही बॉडीबिल्डिंग के क्षेत्र में अपनी एक अलग जगह बना ली थी, सोशल मीडिया के आगमन ने उन्हें और भी लोकप्रिय बना दिया। उन्होंने राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार और पदक जीते।

अभिनेता-मॉडल की तरह दिखने वाले गोचिकर ने सात बार मिस्टर ओडिशा, तीन बार ईस्टर्न इंडिया चैंपियन और चार बार मिस्टर इंडिया का खिताब अपने नाम किया है। उन्होंने 2016 में दुबई में इंटरनेशनल बॉडीबिल्डर्स चैंपियनशिप में गोल्ड और 2014 में वल्र्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज भी जीता था।

गोचिकर शुद्ध शाकाहारी हैं और शराब, सिगरेट या किसी भी तंबाकू उत्पाद से दूर रहते हैं।

उनकी डाइट में प्रोटीन के लिए दाल, सोयाबीन, ब्रोकली आदि, फैट के लिए देसी घी शामिल हैं। वे बताते हैं कि हालांकि, अगर आप शाकाहारी हैं, तो आपको मांसाहारी की तुलना में अधिक कसरत करनी होगी।

2020 और इस वर्ष, कोविड-19 प्रतिबंधों के कारण, किसी भी भक्त को रथ यात्रा उत्सव में भाग लेने की अनुमति नहीं दी गई है। सेवक ही रथ खींच रहे हैं। इसलिए गोचिकर का महत्व बढ़ गया है। उन्हें ग्रैंड रोड पर रथ खींचते हुए देखा गया है।

उन्होंने बताया कि आमतौर पर, हम, प्रतिहारी सेवक, मंदिर के अंदर भगवान की सेवा करते है। हालांकि, कोविड -19 के कारण, मुझे ग्रैंड रोड पर भी भगवान की सेवा करने का यह सुनहरा अवसर मिला। मैं अपने जीवन में इस पल को कभी नहीं भूलूंगा।

बाहुबली सेवायत ने कहा, भगवान जगन्नाथ की सेवा में इस शरार का उपयोग नहीं किया गया तो शरीर का क्या उपयोग है फिर। पहले कोई पुलिस बल या प्रशासन नहीं था, उस दौरान केवल सेवक ही जगन्नाथ को सुरक्षा प्रदान करते थे।

भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के तीनों पवित्र रथों को गुंडिचा मंदिर के पास खड़ा कर दिया गया है, जिसे पुरी के ग्रैंड रोड पर बाहुदा यात्रा की रस्में शुरू होने के साथ शुरू किया जाएगा। तीनों देवताओं की पहाडी की रस्म चल रही है।

पिछले साल की तरह, कोविड -19 महामारी के कारण उत्सव बिना भक्तों के आयोजित किया जा रहा है। उत्सव के दौरान ग्रैंड रोड पर जाने की केवल सेवादारों, पुलिस कर्मियों और संबंधित अधिकारियों को अनुमति दी गई है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.