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SAD कार्यकर्ताओं ने राजीव गांधी की प्रतिमा पर पोती कालिख
साल 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के विरोध में शिरोमणि अकाली दल के कार्यकर्ताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की मूर्ति पर कालिख पोत दी. इस घटना के बारे में पता चलने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता राजीव गांधी की प्रतिमा को दूध से साफ़ करने पहुंचे. यूथ अकाली दल के कार्यकर्ताओं ने लुधियाना के सालेम तिबरी क्षेत्र में मूर्ति को निशाना बनाया. राजीव गांधी की प्रतिमा पर कालिख पोतने के मामले में लुधियाना पुलिस ने एक को गिरफ्तार किया है और दो लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है. लुधियाना के डीसीपी अश्वनी कपूर ने कहा, '8-10 लोगों ने राजीव गांधी की प्रतिमा पर कालिख पोत दी. दो में से एक शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया है. बाकी व्यक्तियों की पहचान के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है.'
Ashwani Kapoor, DCP Ludhiana: Statue of Rajiv Gandhi was blackened by 8-10 people earlier today, 2 of which were identified and 1 has been arrested. Search for other unidentified persons is underway. pic.twitter.com/LnWLVVANcr
— ANI (@ANI) December 25, 2018
यूथ अकाली दल के कार्यकर्ताओं ने राजीव गांधी और कांग्रेस पर 1984 के सिख-विरोधी दंगों के दौरान हजारों सिखों के कत्ल का आरोप लगाया और उनकी मूर्ति के चेहरे पर कालिख पोत दी तथा हाथों को लाल रंग से रंग दिया. मुख्यमंत्री अमरिंदन सिंह ने इस घटना की कड़ी निन्दा करते हुए अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को 'ओछी राजनीति' से बाज आने को कहा. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, 'आनेवाले लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी को इसका नतीजा भुगतना पड़ेगा.' मुख्यमंत्री ने 'बादल से तुरंत अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के इस अप्रिय कृत्य के लिए माफी मांगने को कहा.
Punjab Chief Minister Captain Amarinder Singh asks Sukhbir Singh Badal to apologise for vandalistaion of Rajiv Gandhi statue by Shiromani Akali Dal (SAD) workers in Ludhiana. (file pic) pic.twitter.com/tN3ZH607ZB
— ANI (@ANI) December 25, 2018
अकाली दल पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने का प्रस्ताव पारित करने के लिए पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र की मांग कर रही है.
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बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार को 1984 सिख विरोधी दंगों में दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सज़ा सुनाई थी. इसके साथ ही अदालत ने कुमार को 31 दिसंबर तक सरेंडर करने का आदेश भी दिया था. 31 अक्टूबर 1984 में भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली के सांय छावनी क्षेत्र राजनगर में भीड़ ने सिखों की हत्या कर दी थी. आधिकारिक रिकॉर्ड के मुताबिक, देश में काम से कम 2700 सिखों की हत्या कर दी गई थी. 1984 में बाॅडीगार्ड सतवंत सिंह और बेअंत सिंह ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या कर दी थी.
Source : News Nation Bureau