पंजाब ने चालू रबी मार्केटिंग सीजन में 93 लाख टन से अधिक गेहूं की खरीद की है, जो 2021 में 125 लाख टन की तुलना में 25 प्रतिशत कम है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
गेहूं की आवक में भारी गिरावट के साथ खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के विभाग ने गेहूं खरीद पूरी करने की समय-सीमा की घोषणा की है।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री लाल चंद कटारुचक ने कहा कि राज्य में मंडियों को 5 मई से चरणबद्ध तरीके से बंद किया जाएगा। इस संबंध में मंडी बोर्ड द्वारा अधिसूचना जारी की जाएगी।
मंत्री ने कहा कि खराब मौसम के कारण राज्य के अधिकांश हिस्सों में अनाज के दाने सिकुड़ गए।
उन्होंने कहा कि वैश्विक गेहूं की कीमतों में तेजी के बाद अधिकांश राज्यों में गेहूं की सरकारी खरीद में भारी गिरावट देखी गई है, लेकिन पंजाब ने केंद्रीय पूल में 93 लाख टन से अधिक गेहूं की सबसे बड़ी मात्रा का योगदान करने में देश की अगुवाई की।
सिकुड़े हुए अनाज के लिए मानदंडों में छूट में देरी के बारे में उन्होंने कहा कि केंद्र ने मंडियों से नमूने लेने के लिए अधिकारियों का दूसरा दस्ता भेजने का फैसला किया है, ताकि अनाज के सिकुड़ने के कारण का पता लगाया जा सके।
लू चलने से पंजाब में गेहूं की फसल केंद्र द्वारा निर्दिष्ट छह प्रतिशत की सीमा से बहुत अधिक क्षतिग्रस्त हो गई। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे उपज में कम से कम चार क्विंटल प्रति हेक्टेयर की गिरावट आई है।
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने फरवरी में बेमौसम बारिश और मार्च में अत्यधिक तापमान के कारण 10,000 रुपये प्रति एकड़ नुकसान झेलने वाले किसानों को मुआवजा दिलाने के लिए केंद्र से संपर्क नहीं करने को लेकर राज्य की आप सरकार की आलोचना की है।
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Source : IANS