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क्या है करतारपुर कॉरिडोर, सिख समुदाय के लिए क्यों है महत्वपूर्ण

करतारपुर गलियारा अगले कुछ महीनों में बनकर तैयार हो जाएगा. जिससे सिख श्रद्धालुओं को 2019 में गुरु नानक की 550वीं जयंती पर करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के दर्शन का मौका मिलेगा.

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क्या है करतारपुर कॉरिडोर, सिख समुदाय के लिए क्यों है महत्वपूर्ण

करतारपुर साहिब (फाइल फोटो)

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पंजाब के गुरदासपुर जिले में करतारपुर कॉरिडोर का औपचारिक शिलान्यास सोमवार को उप-राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की मौजूदगी में किया गया. वहीं पाकिस्तान अपनी ओर इस कॉरिडोर की आधारशिला 28 नवंबर को रखने वाला है जिसमें प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत को भी निमंत्रण दिया है. केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर और हरदीप पुरी के साथ पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू आधारशिला समारोह के लिए पाकिस्तान जा सकते हैं. बता दें कि मोदी सरकार के ये दोनों मंत्री सिख समुदाय के हैं.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 22 नवंबर को 2019 में गुरु नानक की 550वीं जयंती से पहले पाकिस्तान के साथ लगी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर पंजाब के गुरदासपुर जिले से एक गलियारा बनाने का फैसला लिया था. यह कॉरिडोर भारत और पाकिस्तान के संबंधों में खटास को दूर करने में भी एक अहम भूमिका निभा सकती है. जानिए सिखों के लिए महत्वपूर्ण इस कॉरिडोर की क्यों है इतनी अहमियत.

करतारपुर साहिब गुरुद्वारा को जानिए

करतारपुर साहिब वह जगह है, जहां 1539 में गुरु नानक जी के निधन के बाद पवित्र गुरुद्वारे का निर्माण कराया गया था. यह पाकिस्तान में रावी नदी के नजदीक स्थित है. यह भारत के पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक से चार किलोमीटर दूर है.

गुरुनानक ने अपने जीवन के अंतिम 18 साल इसी स्थान पर बिताए थे. अगस्त 1947 में विभाजन के बाद यह गुरुद्वारा पाकिस्तान के हिस्से में चला गया था. लेकिन सिख धर्म और ऐतिहासिक महत्व के कारण इस गलियारे की मांग लंबे समय से की जा रही थी.

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भारत और पाकिस्तान ने तीर्थस्थलों के दौरे के लिए द्विपक्षीय प्रोटोकॉल पर 1974 में हस्ताक्षर किए थे. भारत के सिख तीर्थयात्री अब प्रतिष्ठित गुरुद्वारा दरबार साहिब का दौरा करने में सक्षम होंगे. इससे पहले नवंबर में, पाकिस्तान ने गुरु नानक की 549वीं जयंती के जारी समारोहों के लिए सिख तीर्थयात्रियों को 3,800 से अधिक वीजा जारी किए थे.

क्या है करतारपुर कॉरिडोर

प्रस्ताव के मुताबिक, भारत पंजाब के डेरा बाबा नानक से अंतरराष्ट्रीय सीमा तक 2 किलोमीटर के गलियारे का निर्माण करेगा. वहीं पाकिस्तान को भी सीमा से नारोवल जिले में गुरुद्वारे तक करीब 2 किलोमीटर के गलियारे का निर्माण करना है.

यह गलियारा अगले कुछ महीनों में बनकर तैयार हो जाएगा. जिससे सिख श्रद्धालुओं को 2019 में गुरु नानक की 550वीं जयंती पर करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के दर्शन का मौका मिलेगा.

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भारत सरकार पंजाब के सुल्तानपुर लोधी को एक धरोहर शहर के रूप में विकसित करेगी. केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले के बाद जेटली ने कहा था कि सुल्तानपुर लोधी में सिख गुरु की जिंदगी और शिक्षाओं के बारे में बताया जाएगा. इस धरोहर परिसर को 'पिंड बाबा नानक दा' के रूप में भी विकसित किया जाएगा.

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Source : News Nation Bureau

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