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कैप्टन Vs सिद्दूः पंजाब कांग्रेस की कलह पड़ रही आलाकमान को भारी

उपेक्षित रहे नवजोत सिंह सिद्धू सहित कई कांग्रेसी नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह से भिड़ने का यह बेहतरीन अवसर मान रहे हैं.

Updated on: 02 Jun 2021, 01:04 PM

highlights

  • पंजाब कांग्रेस पर तीन दिन से जारी है गहन मंथन
  • नवजोत सिंह सिद्धु और परगट सिंह ने खोला है मोर्चा
  • सोनिया और राहुल गांधी मसला सुलझाने की कोशिश में

नई दिल्ली/अमृतसर:

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amrinder Singh) के खिलाफ पार्टी नई दिल्ली में तीन दिनों से मंथन जारी है. कांग्रेस आलाकमान ने पंजाब कांग्रेस में चल रहे विवाद को समाप्त करने के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने इसके लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है. वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भी पर्दे के पीछे से मोर्चा संभाल लिया है. मल्लिकार्जुन खड़गे, हरीश रावत, जेपी अग्रवाल की समिति ने दिल्ली में पंजाब के विधायकों के साथ अलग-अलग बैठक की हैं. नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) और परगट सिंह ने कमेटी के सामने अपना पक्ष रखा. सूत्रों की मानें तो कैप्टन अमरिंदर सिंह भी जल्द ही कमेटी से मिल अपना पक्ष रखेंगे.

बादल परिवार को बचाने का है आरोप
पंजाब विधानसभा चुनाव से आठ महीने पहले कांग्रेस के नेताओं के बीच सत्ता की लड़ाई चल रही है, लेकिन, मुद्दा गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी का बना दिया गया है. हाल ही में उच्च न्यायालय ने 2015 में फरीदकोट में प्रदर्शनकारियों पर गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने की घटना की जांच के लिए बनाई गई विशेष जांच टीम (एसआईटी) की रिपोर्ट को खारिज कर दिया था. पिछले विधानसभा चुनाव में कैप्टन अमरिंदर समेत पूरी कांग्रेस ने इस मामले में सुखबीर बादल को जिम्मेदार ठहराया था. अब साढ़े चार साल बाद भी बादल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

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सभी विधायकों से लिया जा रहा फीडबैक
मसला सुलझाने के लिए विधायकों को अपनी बात रखने का पूरा मौका दिया जा रहा है, जबकि बैठक से निकलने के बाद नेता खुलकर बोलने से परहेज कर रहे हैं. प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ समेत ज्यादातर विधायकों ने कहा कि यह मतभेद का मामला है जिसे बातचीत से सुलझा लिया जाएगा, लेकिन अधिकांश विधायकों ने समिति के समक्ष गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी का मुद्दा उठाया और तत्काल कार्रवाई की मांग की. यह सिलसिला अगले तीन से चार दिनों तक जारी रह सकता है.

नवजोत सिंह सिद्धू हैं बेहद मुखर
उपेक्षित रहे नवजोत सिंह सिद्धू सहित कई कांग्रेसी नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह से भिड़ने का यह बेहतरीन अवसर मान रहे हैं. विगत दिनों अचानक ही कैप्टन और सिद्धू के बीच खुली बयानबाजी शुरू हो गई. इसके बाद कांग्रेस आलाकमान हरकत में आया और पार्टी में मामले को सुलझाने की कवायद शुरू हुई. ऐसा लग रहा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की स्थिति को फिलहाल कोई खतरा नहीं है, लेकिन यह संदेह है कि पार्टी अगला चुनाव उनके चेहरे पर ही लड़ेगी. कांग्रेस-नेतृत्व को भी एक नया प्रदेश अध्यक्ष चुनना होगा जो सभी गुटों को स्वीकार्य हो. समिति के गठन के बाद से बयानबाजी बंद हो गई है, लेकिन ऐसा लगता है कि समाधान खोजना अभी भी एक जटिल काम है.

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राहुल गांधी ने कांग्रेस विधायकों को फोन कर लिया फीडबैक
पंजाब कांग्रेस में उठापटक को लेकर आलाकमान की पेशानी पर बल पड़ चुके हैं. पैनल बैठक से पहले शनिवार को दर्जन भर विधायकों को कॉल कर उनसे फीडबैक लिया. राहुल गांधी की कॉल की पुष्टि करते हुए कांग्रेस विधायक गुरकीरत कोटली ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को अगले चुनाव में भी पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए और किसी तरह का बदलाव पार्टी के हित में नहीं है. उन्होंने सोमवार को पैनल से मुलाकात की थी. इसी तरह कांग्रेस विधायक नवतेज सिंह चीमा ने कहा कि उन्होंने मीटिंग में कहा कि कांग्रेस को अपने पारंपरिक नेताओं को तवज्जो देनी चाहिए न कि बाहर से आए लोगों को. अब गुरुवार को कैप्टन अमरिंदर सिंह के पैनल मीटिंग में शामिल होकर अपनी बात रखने की चर्चा है. इसके बाद वह सभी मामलों में अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे.