पंजाब के किसान संगठनों का फैसला, 8 मई को करेंगे लॉकडाउन का विरोध
पंजाब की 32 किसान यूनियनों का यह फैसला है कि 8 मई को पंजाब भर में किसान, मजदूर, दुकानदार बड़ी संख्या में सड़को पर आकर लॉकडाउन का विरोध करेंगे.
highlights
- सयुंक्त किसान मोर्चा के प्रमुख संगठनों की सिंघु बॉर्डर पर बैठक हुई
- इस बैठक में सभी संगठनों के राज्य स्तर के मुख्य नेता मौजूद रहे
- संगठनों 8 मई को पंजाब भर में किसान लॉकडाउन का विरोध करेंगे
नई दिल्ली:
कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर आन्दोलन के 160वें दिन सयुंक्त किसान मोर्चा के प्रमुख अंग पंजाब की 32 किसान संगठनों की सिंघु बॉर्डर पर बैठक हुई. जिसमें फैसला लिया गया है कि 8 मई को पंजाब भर में किसान, मजदूर, दुकानदार बड़ी संख्या में सड़कों पर आकर लॉकडाउन का विरोध करेंगे. इस बैठक में सभी संगठनों के राज्य स्तर के मुख्य नेता मौजूद रहे. बैठक की अध्यक्षता बलदेव सिंह निहालगढ़ ने की. बैठक के बाद किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि, केंद्र सरकार कोरोना के खिलाफ लड़ने में असफल रही है. सरकार नागरिको को स्वास्थ्य सुविधाएं व मूलभूत सुविधा जैसे ऑक्सिजन, बेड, दवाइयां आदि प्रदान करने में फेल साबित हुई हैं. हालांकि भाजपा किसानों के धरनों को कोरोना फैलाने का बड़ा कारण बता रही है परंतु यहां किसान जरूरी सावधानियां बरत रहे हैं.
यह भी पढ़ें : महाराष्ट्र में कोरोना केस 48 लाख के पार,पिछले 24 घंटो में 57,640 नए मामले, 920 की मौत
पंजाब की 32 किसान यूनियनों का यह फैसला है कि 8 मई को पंजाब भर में किसान, मजदूर, दुकानदार बड़ी संख्या में सड़को पर आकर लॉकडाउन का विरोध करेंगे. किसान नेता बूटा सिंह बुर्जगिल ने बताया कि, आने वाली 10 मई व 12 मई को दिल्ली की सीमाओं पर पंजाब से किसानों के बड़े जत्थे दिल्ली बोर्डर्स के लिए रवाना होंगे व मोचरे को मजबूत किया जाएगा.
यह भी पढ़ें :बढ़ते कोरोना केस के बीच गहलोत सरकार का नया कदम, लिया ये फैसला
बलदेव सिंह निहालग ने कहा कि, किसानों के धरने हमेशा मजबूत रहेंगे. कटाई का सीजन खत्म हो गया है व अब अलग अलग जत्थों में किसान दिल्ली की तरफ रवाना होंगे. किसान नेताओ के अनुसार, कोरोना की आड़ में सरकार कॉरपोरेट वर्ग को फायदा कराना चाहती है. किसानों-मजदूरो के शोषण सम्बधी फैसले लॉकडाउन में ही लिए गए. बोघ सिंह मानसा ने कहा कि राज्यो के चुनावों में किसानों ने भाजपा का बड़े स्तर पर राजनैतिक नुकसान किया है.
किसान नेताओं ने कहा कि, सरकार को जान माल का रखवाला कहा जाता है परंतु माल तो छोड़ो सरकार लोगों की जान की रखवाली भी नहीं कर रही. बलविंदर सिंह राजू के अनुसार सरकार कोरोना की आड़ में शोषणकारी फैसले लेती है व इसी दिशा में किसानों की जमीनें छीनना चाहती है. किसान संगठनों एक बार फिर ये स्प्ष्ट कर दिया है कि किसान सरकार से बातचीत के लिए हमेशा तैयार है व पूरी तरह से आशावादी है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Arti Singh Wedding: सुर्ख लाल जोड़े में दुल्हन बनीं आरती सिंह, दीपक चौहान संग रचाई ग्रैंड शादी
-
Arti Singh Wedding: दुल्हन आरती को लेने बारात लेकर निकले दीपक...रॉयल अवतार में दिखे कृष्णा-कश्मीरा
-
Salman Khan Firing: सलमान खान के घर फायरिंग के लिए पंजाब से सप्लाई हुए थे हथियार, पकड़ में आए लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे
धर्म-कर्म
-
Maa Lakshmi Puja For Promotion: अटक गया है प्रमोशन? आज से ऐसे शुरू करें मां लक्ष्मी की पूजा
-
Guru Gochar 2024: 1 मई के बाद इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, पैसों से बृहस्पति देव भर देंगे इनकी झोली
-
Mulank 8 Numerology 2024: क्या आपका मूलांक 8 है? जानें मई के महीने में कैसा रहेगा आपका करियर
-
Hinduism Future: पूरी दुनिया पर लहरायगा हिंदू धर्म का पताका, क्या है सनातन धर्म की भविष्यवाणी