भारतीय जनता पार्टी से कांग्रेस में गए नवजोत सिंह सिद्धू की मुश्किलें बढ़ सकती है हैं. सिद्धू पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से तालमेल नहीं बैठ पा रहे हैं. कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिंद्धू और सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच राजनीतिक तल्खियां अब किसी से छिपी नहीं हैं. जब से नवजोत सिंह सिद्धू को राज्य का ऊर्जा मंत्री बनाया गया है तब से सिद्धू अपने मंत्रालय से 'गायब' हैं. वो अब तक कभी भी अपने विभाग नहीं गए हैं.
आपको बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू को नया विभाग मिले हुए 22 दिन हो गए हैं, लेकिन सिद्धू कभी भी अपने दफ्तर नहीं गए. इसके पहले नवजोत सिंह सिद्धू राज्य के शहरी विकास मंत्री थे. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंत्रालयों में फेर बदल करते हुए सिद्धू को बिजली मंत्रालय सौंप दिया, जिसके बाद सिद्धू के दफ्तर के बाहर उनके नाम की नेम प्लेट तो है लेकिन सिद्धू गायब हैं. पिछले दिनों नवजोत सिंह सिद्धू की अनुपस्थिति में सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खुद ही बिजली विभाग की बैठक ली थी. अब कैप्टन ने सिद्धू की इन हरकतों से तंग आकर कांग्रेस के चाणक्य कहे जाने वाले वरिष्ठ नेता अहमद पटेल से मुलाकात की है.
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पंजाब में 5 लोकसभा सीटों पर हार का ठीकरा भी सिद्धू के सिर
लोकसभा चुनाव 2019 में पंजाब की जिन 5 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस को शिकस्त मिली है उसे लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह सिद्धू से नाराज हैं उनका कहना था कि अगर नवजोत सिंह सिद्धू के शहरी निकाय मंत्रालय का कामकाज अच्छा रहा होता तो हम इन सीटों पर नहीं हारते सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पांचों लोकसभा सीटों पर हार का जिम्मेदार सिद्धू के खराब कामकाज को ठहराया था. जबकि इस बारे में सिद्धू का कहना है कि जिन लोकसभा सीटों पर कांग्रेस को हार मिली है उसकी जिम्मेदारी सामूहिक है. सिद्धू ने कहा था कि हार के लिए पंजाब में पूरी पार्टी जिम्मेदार है. सिर्फ उन्हें ही जिम्मेदार नहीं ठहराया जाए. जिसकी वजह से सिद्धू किसी भी मीटिंग में हिस्सा नहीं ले रहे हैं.
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HIGHLIGHTS
- पंजाब सीएम ने अहमद पटेल से की मुलाकात
- नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर की मुलाकात
- सिद्धू और कैप्टन के बीच हैं तल्ख रिश्ते