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सोनिया के बाद प्रशांत किशोर से मिले अमरिंदर सिंह, लगने लगीं अटकलें

पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) से मुलाकात पर प्रशांत किशोर के एक करीबी सूत्र ने कहा, 'अगर वह मुख्यमंत्री से मिले हैं तो क्या होगा ? सीएम उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानते हैं. '

Updated on: 08 Jul 2021, 12:49 PM

highlights

  • पंजाब में सिद्दू और सीएम अमरिंदर के बीच चल रहा विवाद
  • पीके ने बंगाल चुनाव में किया राजनीतिक रणनीतिकार का काम
  • पिछले दिनों शरद पवार से भी की थी प्रशांत किशोर ने मुलाकात 

नई दिल्ली:

पंजाब कांग्रेस में जारी कलह पर लगाम लगती दिखाई नहीं दे रही है. दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amrinder Singh) ने प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) से मुलाकात की है. राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर से अमरिंदर सिंह ने अपने दिल्ली स्थित आवास- कपूरथला हाउस पर मुलाकात की. उनकी इस बैठक के बाद राजनीतिक गलियारों में अटकलों का दौर शुरू हो चुका है. अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्स्प्रेस के अनुसार सूत्रों ने कहा कि किशोर इस बात पर अडिग हैं कि वह अब किसी नेता के लिए रणनीति बनाने का काम नहीं करेंगे.

प्रशांत किशोर जिन्हें अमरिंदर सिंह की तरफ से प्रमुख सलाहकार बनाया गया था, वे हालिया विधानसभा चुनाव के दौरान पंजाब भी पहुंचे थे. लेकिन पश्चिम बंगाल के नतीजे आने के बाद उन्होंने राजनीतिक रणनीतिकार के अपने इस ओहदे से हटने की इच्छा जाहिर कर दी थी. इसके बावजूद कैप्टन अमरिंदर सिंह से दिल्ली में उनकी मुलाकात ने पंजाब सीएम कैंप को खुश होने का एक मौका दिया है. दरअसल, यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है, जब नवजोत सिंह सिद्धू ने अमरिंदर के खिलाफ मोर्चा खोला है और कुछ अन्य पार्टी नेताओं ने भी बगावत के संकेत दिए हैं.

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किशोर ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की है कि उन्होंने यह काम छोड़ दिया है. वह अब भी अपनी बात पर दृढ़ हैं.' बता दें कई विधायक इस बात के विरोध में हैं कि किशोर को पार्टी की रणनीति बनाने की जिम्मेदारी दी जाए. हालांकि सीएम का खेमा यह चाहता है कि किशोर, अमरिंदर के साथ काम करें. पार्टी के एक नेता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा 'किशोर परसेप्शन यानी धारणा बनाने के खेल में माहिर हैं. वह अगर सीएम के साथ दिखते हैं तो यह संदेश जाएगा कि मुख्यमंत्री की स्थिति मजबूत है और उनके लिए सिद्धू से मिल रही चुनौती मायने नहीं रखती.'

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उधर सूत्रों का कहना है कि प्रशांत किशोर किसी भी राजनीतिक दल के नेता के लिए कोई प्रोजेक्ट न लेने की बात पर कायम हैं. किशोर के एक करीबी ने कहा, “तो क्या हुआ अगर वे मुख्यमंत्री से मिले? मुख्यमंत्री उनसे निजी तौर पर परिचित हैं. वे मिलना चाहते थे और मौके की बात है कि किशोर दिल्ली में ही थे. तो दोनों की मुलाकात हो गई.” सूत्र ने आगे कहा, “किशोर सार्वजनिक तौर पर ऐलान कर चुके हैं कि वे जो काम कर रहे थे, वह बंद कर देंगे. उनकी स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है.”