logo-image

पंजाब सरकार ने दिल्ली में रविदास मंदिर का खर्च वहन करने की पेशकश की

पंजाब सरकार ने दिल्ली में रविदास मंदिर का खर्च वहन करने की पेशकश की

Updated on: 04 Jan 2022, 08:15 PM

चंडीगढ़:

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने मंगलवार को कहा कि वह राष्ट्रीय राजधानी में संत रविदास मंदिर के निर्माण के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा भूमि आवंटन पर होने वाला पूरा खर्च राज्य वहन करने के लिए तैयार हैं।

तुगलकाबाद में सदियों पुराने रविदास मंदिर को डीडीए ने 10 अगस्त 2019 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ध्वस्त कर दिया था। तब से लेकर अब तक दलित संगठनों द्वारा कई विरोध प्रदर्शन किए जा चुके हैं।

मंदिर का निर्माण 15वीं शताब्दी में तत्कालीन दिल्ली सम्राट सिकंदर लोधी द्वारा आवंटित भूमि पर किया गया था। गुरु रविदास ने दिल्ली में उसी स्थान पर तीन दिन बिताए थे, जहां यह मंदिर बनाया गया था।

एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने हाल में गुरु रविदास विश्राम धाम मंदिर चमरवाला जोहर तुगलकाबाद समिति से, चार सौ वर्ग मीटर जमीन के अधिग्रहण के लिए 4.33 करोड़ रुपये जमा करने को कहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कीमत बहुत अधिक होने के चलते बहुत से लोगों ने पंजाब सरकार से इसमें योगदान देने को कहा है।

सीएम चन्नी ने कहा कि पंजाब सरकार गुरु रविदास की विचारधारा को पहले से मानती रही है, इसलिए उसने निर्णय लिया है कि अगर समिति चाहे तो तुगलकाबाद में मंदिर निर्माण की खातिर जमीन अधिग्रहण के लिए पंजाब सरकार पूरा खर्च वहन करने को तैयार है।

संत रविदास 16वीं सदी के आध्यात्मिक गुरु थे, जिनकी पूजा दलित करते हैं। उनकी कई शिक्षाओं को सिखों के लिए सबसे पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब में भी शामिल किया गया है।

जालंधर, होशियारपुर, नवांशहर और कपूरथला जिलों सहित राज्य के दोआबा क्षेत्र में दलित समुदाय की एक बड़ी आबादी है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.