दिल्ली और एनसीआर में पटाख़ों की बिक्री पर सुप्रीम कोर्ट के रोक लगाने के फैसले के बाद अब पंजाब और हरियाणा में भी बैन करने को लेकर शुक्रवार को सुनवाई होगी।
हाईकोर्ट ने दिवाली पर पटाख़ों से होने वाले प्रदूषण पर संज्ञान लेते हुए हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ से पटाख़ा बिक्री के लिए जारी किए गए स्थाई और अस्थाई लाइसेंस के बारे में जवाब देने को कहा है।
दोनों राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ को शुक्रवार को कोर्ट में इस बारे में जवाब देना होगा कि उनके यहां पटाख़ों के कितने स्थाई और कितने अस्थाई लाइसेंस जारी हुए हैं।
कोर्ट जारी किए गए लाइसेंस के आधार पर पटाख़ों की बिक्री पर फैसला करेगा। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने जस्टिस अमित रावल के पत्र के बाद पटाख़ों पर संज्ञान लिया है।
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दरअसल जस्टिस रावल ने अपने पत्र में लिखा था, दिल्ली निश्चित रूप से देश के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है, लेकिन लुधियाना, अमृतसर और पंचकूला की हालत भी कुछ बेहतर नही हैं।
पीएम 10 पर्टिकुलेट की विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित अधिकतम सुरक्षित मात्रा 20 है, जबकि पीएम 2.5 की अधिकतम 10 है। जबकि अमृतसर में 239, लुधियाना में 251 पीएम 10 पर्टिकुलेट हैं जबकि पंचकूला में 108 पीएम 2.5 पर्टिकुलेट है जो बदतर स्थिति का गवाह है।'
पत्र पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने इसे जनहित याचिका के तौर पर सुनने का निर्णय लिया। गुरुवार को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि दिवाली के समय पटाख़ों के कारण हालात इतने ख़राब हो जाते हैं कि लोगों का 10 बजे के बाद घर से बाहर निकलकर सांस लेना मुश्किल हो जाता है।
कोर्ट ने इस मामले में सहयोग करने के लिए सीनियर एडवोकेट अनुपम गुप्ता को अमाइकस क्यूरी भी नियुक्त कर दिया है और उनसे भी शुक्रवार को होने वाली सुनवाई पर सुझाव देने के निर्देश जारी किए हैं।
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Source : News Nation Bureau