logo-image

तस्वीरों में देखें अमृतसर रेल हादसे का खौफनाक मंज़र, जब चारों तरफ मच गई थी चीख-पुकार

पंजाब के अमृतसर में शुक्रवार को एक भयावह हादसे में रावण दहन देख रहे लोग तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आ गए.

Updated on: 20 Oct 2018, 11:40 AM

नई दिल्ली:

पंजाब के अमृतसर में शुक्रवार को एक भयावह हादसे में रावण दहन देख रहे लोग तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आ गए, जिससे कम से कम 61 लोगों की मौत हो गई. इस भयानक हादसे में 50 लोग घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. इस साल के सबसे बड़े रेल हादसे ने पूरे देश को दहला रख दिया. अमृतसर के जोड़ा फाटक इलाके में रेलवे ट्रैक के नजदीक रावण का पुतला जलाया जा रहा था. तस्वीरों में देखें खौफनाक मंज़र .

जैसे ही पुतले में पटाखे का विस्फोट होना शुरू हुआ और आग की लपटें तेज हुईं, लोग रेल पटरी पर चले गए. कुछ लोग रावण दहन देखने के लिए पहले से ही रेल पटरी पर खड़े थे. प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि मृतकों में बच्चे भी शामिल हैं.

अमृतसर के जोड़ा फाटक इलाके में रेलवे ट्रैक के नजदीक रावण का पुतला जलाया जा रहा था. सिद्धू इस इलाके के विधायक हैं. उनकी पत्नी नवजोत कौर दुर्घटना स्थल पर आयोजित दशहरा उत्सव की मुख्य अतिथि थीं. दुर्घटना शाम 7 बजे हुई.

घटनास्थल पर करीब 700 लोग जमा थे. ट्रैक पर लाश के टुकड़े बिखरे हुए थे और चारों तरफ चीख पुकार मची हुई थी. यह हादसा इतना भयावह था कि कुछ लोग अपने परिजनों तक क पहचान नहीं पाए. लापरवाही के कारण मौत के मुंह में समाये मृतकों के परिजन गहरे सदमे है.

तेज़ गति ट्रेन के लोगों को कुचल देने के बाद वहां चीख-पुकार मच गई. रोते बिलखते लोग अपने परिजनों को ढूंढ रहे थे और कुछ खून से लथपथ लाशों को ट्रैक से हटा रहे थे. वहां मौजूद लोगों ने पुलिस की मदद कर घायलों को अस्पताल में पहुंचाया. 

इस हादसे के बाद रेलवे का बयान सामने आया है. रेलवे का कहना है कि रेलवे पटरियों पर लोगों का पुतला दहन देखने के लिए इकठ्ठा होना 'स्पष्ट रूप से अतिक्रमण का मामला' था. रावण दहन के कार्यक्रम के लिए रेलवे से माज़ूर नहीं ली गयी थी.

ट्रैक पर इतनी भीड़ होने के बावजूद ट्रेन ड्राइवर द्वारा गाड़ी नहीं रोके जाने को लेकर सवाल उठने पर एक अधिकारी ने कहा, 'वहां काफी धुआं था जिसकी वजह से चालक कुछ भी देखने में असमर्थ था और गाड़ी घुमाव पर भी थी.'

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह अमृतसर जा रहे हैं. उन्होंने मृतकों के परिजनों के लिए पांच-पांच लाख रुपये के मुआवजे और घायलों के मुफ्त इलाज की घोषणा की है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने घटना पर शोक व्यक्त किया है.