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Pune Car Accident ( Photo Credit : Social Media)
पुणे का पोर्शे कार दुर्घटना मामले में नया अपडेट सामने आया है. नाबालिग आरोपी ने करीब डेढ़ महीने के बाद जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड की शर्त पूरी कर दी है. आरोपी ने डेढ़ माह बाद सड़क हादसे पर 300 शब्दों का निबंध लिखा है. निबंध उसने जमा भी कर दिया है. बता दें हादसे के बाद जब आरोपी को अदालत में पेश किया गया था तो उसे 300 शब्दों का निबंध लिखने की सजा देकर रिहा कर दिया था, फैसले की आलोचना की गई तो उसे अवलोकन गृह भेज दिया. हालांकि, उच्च न्यायालय की अदालत ने उसे हाल में जमानत दे दी.
नाबालिग आरोपी का कहना है कि हादसे के वक्त उसे पुलिस का डर लग रहा था पर ऐसे हादसों से भागने की बजाए पुलिस थाने जाना चाहिए. हादसे के बाद भागने से परेशानी बढ़ जाती है. आरोपी ने निबंध में सुरक्षा के लिए ट्रैफिक रूल्स फॉलो करने का भी जिक्र किया. उसने कहा कि हमें ट्रैफिक नियमों का पालन करना चाहिए. उसका कहना है कि हादसे के पीड़ितों की मदद करनी चाहिए. हालांकि, अधिकारियों ने निबंध को अस्पष्ट पाया है. उनका कहना है कि नाबालिग अपनी उम्र से अधिक बड़ा लग रहा है. अधिकारियों का कहना है कि जब उसके मां-बाप को गिरफ्तार किया गया था तो वह डर गया था.
यह है पूरा मामला
दरअसल, मई में नाबागिल आरोपी नशे में लग्जरी पोर्श कार चला रहा था. इस दौरान उसने दो लोगों को टक्कर मार दी थी. हादसे में दो लोगों की मौत हो गई थी. उनकी पहचान अवनीश अवधिया और अश्विनी कोस्टा के रूप में हैं. दोनों पेशे से इंजीनियर थे और पार्टी करके घर जा रहे थे. आरोपी आसपास के लोगों के हत्थे चढ़ गया. उन्होंने उसकी खूब पिटाई की फिर पुलिस को सौंप दिया. आरोपी के खिलाफ पुुलिस ने विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया. आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया. अदालत ने उसे सड़क हादसे पर निबंध लिखने की सजा देकर रिहा कर दिया. येरवडा पुलिस ने आरोपी के पिता और बार संचालक के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया. कोर्ट के आदेश की जानकारी जैसे ही सामने आई तो उसकी काफी आलोचना की गई. तीखी आलोचनाओं के बाद कोर्ट ने आरोपी को अवलोकन गृह भेज दिया था.
Source : News Nation Bureau