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Nitin gadkari (फाइल फोटो)
आतंकी हमले को लेकर लगातार सख्त रुख अख्तियार करते हुए भारत ने गुरुवार को पाकिस्तान को पूर्वी क्षेत्र की नदियों से मिलने वाले अपने हिस्से के पानी पर रोक लगाने का फैसला लिया है. जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने पाकिस्तान को प्रवाहित होने वाले अपने हिस्से का पानी रोकने का फैसला लिया है. हम पूर्वी नदियों के पानी के प्रवाह का मार्ग बदल देंगे और इसकी आपूर्ति जम्मू एवं कश्मीर और पंजाब में अपने लोगों को करेंगे. हालांकि इसके बाद गडकरी ने शुक्रवार पाकिस्तान को ललकारते हुए एक और बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद फैलाने पर रोक नहीं लगाता है तो उसके हिस्से का पानी भी रोका जा सकता है.
केंद्रिय मंत्री गडकरी ने कहा कि उन्होंने अपने विभाग को निर्देश दिया है कि पाक के हिस्से का पानी कहां-कहां रोका जा सकता है, इसका डीपीआर बनाकर दें. हालांकि गडकरी ने यह भी साफ किया कि इस संबंध में अंतिम निर्णय उनके विभाग को नहीं बल्कि पीएम और भारत सरकार को ही करना है.
उन्होंने शुक्रवार को कहा, 'नेहरू और अयूब खान के बीच में सिंधु जल समझौता हुआ है. इस समझौते के अुनसार, रावि, ब्यास और सतलज का पानी भारत को मिलेगा इसके साथ अन्य भारत से निकलने वाली नदियों का पानी पाकिस्तान को जाएगा. जिन तीन नदियों का पानी भारत को मिलता है, उसमें भारत का हिस्सा 33 मिलियन एमएफ था, उसमें से हमने अब तक 31 एमएफ यूज किया है.'
#WATCH Union Min Nitin Gadkari says,"Nirnay kewal mere dept ka nahi hai, sarkar aur PM ke level pe nirnay hoga par maine apne department se kaha hai ki Pakistan ka jo inke adhikar ka bhi paani ja raha tha vo kahan kahan rok sakte hain uska technical design bana ke taiyaari karo" pic.twitter.com/42KgwFrVzk
— ANI (@ANI) February 22, 2019
नितिन गडकरी ने कहा, 'अब हमने तय किया है कि बाकी का पानी भी हम उपयोग में लाएंगे. इसके लिए तीन डैम बनाए जाएंगे. इसे कैबिनेट की मंजूरी भी मिल गई है. एक शाहपुर कांडी प्रॉजेक्ट कश्मीर में बन रहा है. इसका पानी जम्मू-कश्मीर को मिलेगा। साथ कुछ पानी यहां से पंजाब में जाएगा. कुछ और प्रॉजेक्ट को भी मंजूरी दी गई है. इन प्रॉजेक्ट से हम पाकिस्तान को जा रहे अपने अधिकार के पानी को रोकेंगे और इसे राजस्थान, पंजाब और हरियाणा को देंगे.'
केंद्रिय मंत्री ने ये भी कहा कि पाकिस्तान के साथ ये संधि करते समय यह हुआ था कि वह भाईचारे के साथ आगे बढ़ेगा, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. इसी कारण लोगों की मांग है कि इन नदियों का पूरा पानी बंद कर दो, अभी इस प्रकार का कोई निर्णय हुआ नहीं है. लेकिन अगर पाकिस्तान इसी तरीके का व्यवहार करता रहेगा, सौहार्द का माहौल खराब करता रहेगा.
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बता दें कि पाकिस्तान को भारत से पाक की ओर प्रवाहित होने वाली तीन नदियों व्यास, रावी और सतलुज का पानी मिलता है. इससे पहले भारत ने पाकिस्तान से सबसे तरजीही राष्ट्र (एमएफएन) का दर्जा वापस लेकर पाकिस्तान से आयातित सभी वस्तुओं पर 200 फीसदी आयात शुल्क लगा दिया था.
ये सारे फैसले जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले के बाद लिए गए हैं, जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे. पाकिस्तान स्थित आतंकी गुट जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) ने इस हमले को अंजाम देने का दावा किया है.
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गौरतलब है कि सिंधु जल संधि के तहत भारत और पाकिस्तान के बीच जल बटवारे का समझौता हुआ है. समझौते के तहत भारत तीन 'पूर्वी नदियों' व्यास, रावी और सतलुज के प्रवाह का 33 मिलियन (3.3 करोड़) एकड़ फीट पानी (एमएएफ) पर नियंत्रण भारत को प्रदान किया गया. वहीं, भारत की 'पश्चिमी नदियों' सिंधु, चेनाब और झेलम के प्रवाह का 80 एमएएफ पानी पर नियंत्रण पाकिस्तान को दिया गया.
Source : News Nation Bureau