साउथ अफ्रीका ने 27 साल बाद जीता आईसीसी का खिताब, तो खुशी से उछल पड़े खेल मंत्री, वीडियो जमकर हो रहा है वायरल
तेलंगाना : गोदावरी नदी में डूबे एक ही परिवार के पांच युवक, मौत
नागर विमानन मंत्रालय ने हेलीकॉप्टर सुरक्षा मानक लागू करने के लिए डीजीसीए को सख्त निर्देश जारी किए
गाड़ी चलाने वालों को बड़ा झटका! अब इस लापरवाही पर भरना होगा 25,000 का जुर्माना, सरकार ने बदले नियम
बृजभूषण सिंह ने चंद्रशेखर आजाद पर साधा निशाना, दलित बेटी के मामले में एफआईआर की मांग
तमिलनाडु के कटपडी में बना पहला सरकारी अस्पताल, सीएम स्टालिन करेंगे 25 जून को उद्घाटन
सोना इस हफ्ते 1,900 रुपए से अधिक महंगा हुआ, चांदी 1.06 लाख रुपए के पार
गैरी कर्स्टन का खुलासा, इस वजह से छोड़नी पड़ी थी पाकिस्तान क्रिकेट टीम की कोचिंग
सगे भाई-बहन की तरह रह रहे हैं बेबी पिग, पपी और चिड़ियों के बच्चे, सामने आया दिल छू लेने वाला VIDEO

हॉस्टल में कैद कश्मीरी लड़कियों की खबर को उत्तराखंड पुलिस ने बताया अफवाह, छात्रों से भड़काऊ बयान नहीं देने की अपील की

पुलवामा आतंकी हमले के मद्देनजर उत्तराखंड पुलिस ने राज्य में पढ़ाई कर रहे कश्मीरी छात्रों को सोशल मीडिया पर भड़काऊ बयान नहीं देने की अपील की.

पुलवामा आतंकी हमले के मद्देनजर उत्तराखंड पुलिस ने राज्य में पढ़ाई कर रहे कश्मीरी छात्रों को सोशल मीडिया पर भड़काऊ बयान नहीं देने की अपील की.

author-image
ruchika sharma
एडिट
New Update
हॉस्टल में कैद कश्मीरी लड़कियों की खबर को उत्तराखंड पुलिस ने बताया अफवाह, छात्रों से भड़काऊ बयान नहीं देने की अपील की

उत्तराखंड के एडीजी अशोक कुमार (फोटो-ANI)

पुलवामा में सीआरपीएफ हमले पर हुए काफिले के बाद पूरा देश रोष में है. उत्तराखंड से एक मामले सामने आया, जिसमें कहा गया कि कश्मीरी लड़कियों को हॉस्टल में कैद करके रखा गया है. दरअसल, ऐसी खबर सामने आई थी कि पुलवामा हमले के बाद लड़कियों ने पाकिस्तान के समर्थन में लगाए थे, जिसके बाद उन्हें हॉस्टल में बंद कर दिया था. उस वक़्त वहां मौजूद पुलिस भी लोगों को काबू नहीं कर पाई थी. हालांकि, पुलिस ने इसे फेक न्यूज करार करते हुए एक ट्वीट किया. उत्तराखंड पुलिस ने ट्वीट किया, 'कुछ लोग अफवाह फैला रहे है कि देहरादून के हॉस्टल में गुस्से भीड़ के कारण 15-20 लड़कियां फंसी हुई है. पुलिस मौके पर मौजूद है लेकिन भीड़ को हटा नहीं पा रही.' आगे लिखा गया है कि, 'यह सच नहीं है. पुलिस ने इस मामले को हल कर लिया है. शुरुआत में कश्मीरी लड़कियों द्वारा पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाने को लेकर भ्रम था.' अब मामले को सुलझा लिया गया है. आईपीएस डी.रुपा ने उत्तराखंड पुलिस का ट्वीट रीट्वीट किया. 

Advertisment

उत्तराखंड के एडीजी अशोक कुमार ने कहा, 'सोशल मीडिया पर छात्रों के हॉस्टल में फंसे होने की अफवाह फैलाई जा रही थी. पुलवामा हमले के बाद स्थानीय लोगों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाकर जुलूस निकाला.'

उन्होंने कहा, 'ऐसा कहा गया कि हॉस्टल में लोगों ने पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगाए. हमारे पास इससे सम्बन्धित कोई प्रूफ नहीं है. पुलिस को ये सूचना मिली . हमने तुरंत इस मामले का संज्ञान लेते हुए इसे सुलझाया.'

इसके साथ ही पुलवामा आतंकी हमले के मद्देनजर उत्तराखंड पुलिस ने राज्य में पढ़ाई कर रहे कश्मीरी छात्रों को सोशल मीडिया पर भड़काऊ बयान नहीं देने की अपील की. जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने देश भर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पढ़ने वाले राज्य के छात्रों की सुरक्षा की शनिवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक में समीक्षा की थी.

और पढ़ें: केटीआर ने CRPF के दक्षिणी मुख्यालय में पुलवामा शहीदों को श्रद्धांजलि दी

बता दें कि जम्मू -कश्मीर में 1989 में आतंकवाद के सिर उठाने के बाद से हुए अब तक के सबसे बड़े आतंकी हमले में एक आत्मघाती हमला किया. इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए. पुलवामा जिले में आतंकी ने श्रीनगर-जम्मू हाई-वे पर अपनी विस्फोटकों से लदी एसयूवी सीआरपीएफ की बस से टकराकर उसमें विस्फोट कर दिया. धमाका इतना जबरदस्त था कि बस के परखच्चे उड़ गए और आस पास जवानों के शव टुकड़ों में सड़क पर बिखेर गए. जैश ए मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. पुलिस ने आतंकवादी की पहचान पुलवामा के काकापोरा के रहने वाले आदिल अहमद के तौर पर की है. उन्होंने बताया कि अहमद 2018 में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था. 

Source : News Nation Bureau

Pulwama Uttrakhand Police jammu-kashmir
      
Advertisment