पाकिस्तान ने कहा कि पुलवामा आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद पर 2002 में पाबंदी लगाई गई थी और इस्लामाबाद इन प्रतिबंधों पर कानून के मुताबिक अपने दायित्व निभा रहा है. गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में बीते गुरुवार को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले में इस अर्धसैनिक बल के कम से कम 40 जवान शहीद हो गए. पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी.
पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि पाकिस्तान भारत के आरोपों को इसलिए खारिज कर रहा है क्योंकि यह हमले के कुछ ही समय के भीतर और बगैर किसी जांच के लगाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जल्दबाजी में और पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर लगाए जा रहे यह आरोप अतीत में हुई ऐसी घटनाओं के बाद भारत की तरफ से लगाए जाने वाले आरोपों की तरह ही हैं. इसके साथ फैसल ने कहा कि भारत को हमले का कारण बनी उसकी सुरक्षा और खुफिया चूकों के बारे में आत्ममंथन और उससे जुड़े सवालों के जवाब देने की जरूरत है. भारत के आदिल अहमद डार की गिरफ्तारी और 2017 से ही उसकी हिरासत की खबरों पर स्पष्टीकरण देना चाहिए.
पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी कूटनीतिक आक्रामकता दिखाते हुए भारत ने इस बात पर जोर दिया कि इस्लामाबाद अपनी राजकीय नीति के तौर पर आतंकवाद का इस्तेमाल करता रहा है. भारत ने यह कहने पर पाकिस्तान को आड़े हाथ लिया कि पुलवामा हमले में उसकी कोई भूमिका नहीं है. भारत ने कहा कि इस्लामाबाद यह दावा नहीं कर सकता कि उसे अपनी भूमि पर आतंकवादी संगठनों की मौजूदगी के बारे में पता नहीं था, क्योंकि ऐसे संगठनों से पाकिस्तान के संबंध सभी ने देखे हैं.
Source : PTI