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पुलवामा का बदला नहीं हुआ पूरा, अभी जिंदा है मास्टरमाइंड समीर अहमद डार

इस आतंकी हमले के आरोपियों में से एक आतंकी समीर अहमद डार अभी तक जिंदा है. इतना ही नहीं वो कश्मीर के अंदर आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है.

Updated on: 25 Aug 2021, 06:58 AM

highlights

  • पुलवामा हमले का साजिशकर्ता समीर डार जिंदा है
  • घाटी में आतंकी गतविधियों को दे रहा बढ़ावा 

नई दिल्ली :

फरवरी 2019 में पूरा देश उस वक्त दहल उठा था जब पुलवामा में आतंकी हमला हुआ था. इस हमले में हमने सीआरपीएफ के 40 जवान को हमेशा के लिए खो दिए थे. पुलवामा हमले का बदला अभी पूरा नहीं हुआ है. मीडिया हाउस की मानें तो इस आतंकी हमले के आरोपियों में से एक आतंकी समीर अहमद डार अभी तक जिंदा है. इतना ही नहीं वो कश्मीर के अंदर आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है. 31 जुलाई को प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा सबसे बड़ा पाकिस्तानी आतंकवादी लंबू मारा गिराया गया था. लंबू को मार गिराना एक बड़ी कामयाबी थी.मोहम्मद इस्माल अल्वी उर्फ लंबू, मसूद अजहर के परिवार का ही सदस्य था और वह फरवरी 2019 के पुलवामा आतंकी हमले की साजिश में शामिल था.

मीडिया हाउस की रिपोर्ट के अनुसार समीर अहमद डार अभी जिंदा है. माना जा रहा था कि 31 जुलाई को जब पुलवामा जिले में सुरक्षाबल और आतंकी मुठभेड़ हुआ था तो उसमें दो दहशतगर्द मारे गए थे. जिसमें से एक लंबू था जबकि दूसरे को समीर डार माना जा रहा था. लेकिन वो समीर डार नहीं था, बल्कि एक पाकिस्तानी नागरिक था जिसकी पहचान होनी अभी बाकी है. 

समीर डार घाटी में बढ़ा रहा आतंकी गतिविधियां

बता दें कि 31 जुलाई को नागबरेन-तरसर में सुरक्षाबल और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. जिसमें दो आतंकवादी मारे गए थे. एक आतंकवादी जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा सबसे बड़ा पाकिस्तानी आतंकवादी लंबू था. जबकि दूसरे को समीर डार बताया गया था. लेकिन अभी जो जानकारी सामने आई है उसमें समीर डार की मौत नहीं हुई है. वो घाटी में आतंकी गतिविधियों को बढ़ा रहा है. 

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तीन आतंकवादी मारे गए थे 

14 जुलाई को भी संयुक्त अभियान चलाया था. जिसमें प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े तीन आतंकवादियों को ढेर कर दिया था. आठ घंटे के लंबे ऑपरेशन में, एजाज उर्फ अबू हुरैरा, एक पाकिस्तानी आतंकवादी और दो अन्य आतंकवादियों की पहचान तहाब (पुलवामा) के जावेद राथर और श्रीनगर के शाहनवाज गनी के रूप में की गई थी. जिन्हें सुरक्षाबलों ने खत्म कर दिया था.