जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर ने पुलवामा की घटना की प्लानिंग की थी और वह रावलपिंडी के एक अस्पताल से आतंकियों को लगातार निर्देश दे रहा था. मीडिया की ताजा रिपोर्टों में पाकिस्तान का यह झूठ उजागर हुआ है कि इस घटना में उसका कोई हाथ नहीं है. The Times of India की रिपोर्ट में कहा गया है कि मसूद अजहर ने इस प्लान को गुप्त रखा था और जिहाद काउंसिल को भी इस बारे में नहीं बताया. अपने प्लान को पूरा करने के लिए उसने अपने भतीजे को तैनात कर रखा था.
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एक ऑडियो टेप सामने आया है, जिसमें मसूद अजहर जैश के आतंकियों को अपने भतीजे उस्मान का बदलाने लेने को उकसा रहा है. बता दें कि 2017 में उसका भतीजा उस्मान भारतीय सुरक्षा बलों के हाथों मारा गया था. इससे पहले एक रिपोर्ट में कहा गया था कि मसूद अजहर ने अफगानिस्तान के पुराने आतंकी अब्दुल गाजी को उस्मान की मौत का बदला लेने के लिए जम्मू कश्मीर में भेजा है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, ऑडियो टेप में मसूद अजहर बोल रहा है- “कोई इन्हें दहशतगर्द कहेगा, कोई इन्हें निकम्मा कहेगा, कोई इन्हें अमन के लिए खतरा कहेगा. इस लड़ाई में मौत से अधिक आनंददायक कुछ भी नहीं है."
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पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड मसूद अजहर ने ऑडियो टेप में आगे पुलवामा में हमला करने को कहा. शुरुआती जांच में पता चला है कि पुलवामा हमले में करीब 60 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया.
हमला करवाने के लिए जैश ने पुलवामा के ही 22 साल के आतंकी आदिल अहमद डार को चुना. आदिल ने विस्फोटक से भरी गाड़ी को सीआरपीएफ के जवानों की गाड़ी से टक्कर मार दी. यह दो दशक में सुरक्षाबलों के खिलाफ आतंकियों का सबसे बड़ा हमला है. हालांकि इस्लामाबाद ने हमले की आलोचना करते हुए इसमें किसी भी तरह की भूमिका से इन्कार किया है, जैसा कि वह अकसर करता आया है.
Source : News Nation Bureau