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Pulwama attack : भारत पाकिस्तान को नहीं देगा सबूत, मित्र देशों के सामने खोलेगा पोल

मुंबई आतंकवादी हमले और पठानकोट एयरबेस हमले के संबंध में भारत ने पाकिस्तान के साथ डोजियर पर डोजियर साझा किया लेकिन पड़ोसी देश ने किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की

Updated on: 21 Feb 2019, 09:41 AM

नई दिल्ली:

पुलवामा आतंकी हमले में जैश-ए-मोहम्मद की संलिप्तता के संबंध में पाकिस्तान के साथ भारत कोई सबूत साझा नहीं करेगा, बल्कि वह सारे सबूत मित्र देशों को दिखाकर हमले में पड़ोसी देश की भूमिका की पोल खोलेगा.सरकार के विचार साझा करते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही. अतीत के अनुभवों को देखते हुए भारत पुलवामा हमले के संबंध में पाकिस्तान के साथ कोई सबूत साझा नहीं करना चाहता है. इससे पहले 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले और पठानकोट एयरबेस हमले के संबंध में भारत ने पाकिस्तान के साथ डोजियर पर डोजियर साझा किया है लेकिन पड़ोसी देश ने किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की है.

अधिकारी ने कहा, ‘पाकिस्तान को कोई भी सबूत देने का सावाल ही नहीं उठता. इसकी जगह हम उन्हें मित्र देशों के साथ साझा करेंगे ताकि पुलवामा और भारत में हुए अन्य आतंकवादी हमलों में उसकी भूमिका की पोल खोली जा सके.’ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को कहा था कि वह पुलवामा हमले के सरगना के खिलाफ कार्रवाई करेंगे, यदि भारत उनके साथ ‘कार्रवाई योग्य’ सबूत साझा करता है.जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में 14 फरवरी को जैश-ए-मोहम्म्द के एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटक भरे वाहन से सीआरपीएफ के काफिले की एक बस को टक्कर मार दी थी. इस हमले में हुए विस्फोट में बल के 40 जवान शहीद हो गए जबकि कई अन्य घायल हो गए.

वहीं 2008 मुंबई हमले के संबंध में पाकिस्तान को तमाम सबूत मुहैया कराए गए लेकिन, लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद, समूह के शीर्ष नेता जकी-उर-रहमान लखवी और आईएसआई के कुछ अधिकारियों के खिलाफ 11 साल बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है.पठानकोट एयरबेस हमले के सिलसिले में पाकिस्तानी जांचकर्ताओं की पांच सदस्यीय टीम को मौके पर जाने और साक्ष्य जुटाने की अनुमति दी गई.लेकिन, इस संवेदनशील एयरबेस का दौरा करने के बाद जब टीम पाकिस्तान लौटी तो उन्होंने दावा किया कि भारत उन्हें ऐसा कोई भी साक्ष्य मुहैया कराने में असफल रहा है, जिससे साबित हो कि पाकिस्तानी आतंकवादियों ने भारतीय वायुसेना बेस पर हमला किया था.

अधिकारी ने कहा, ‘‘जब हमें पाकिस्तान से ऐसी प्रतिक्रिया मिल रही है तो, उनके साथ सबूत साझा करने का कोई मतलब नहीं है. अब हमारा पहला काम आतंक को मदद और उसे बढ़ावा देने में पाकिस्तान की भूमिका को लेकर दुनिया के सामने उसे बेनकाब करना है.’