केरल सरकार की महत्वाकांक्षी के-रेल परियोजना के खिलाफ शनिवार को भी विरोध प्रदर्शन जारी रहा और कई जगहों से आम लोग और पुलिस के बीच झड़प की खबरें आ रही हैं।
हालांकि, राजस्व मंत्री के. राजन ने माकिर्ंग स्टोन्स लगाने के किसी भी आदेश को जारी करने से स्पष्ट रूप से इनकार किया। इस मुद्दे में शामिल हुए विपक्ष के नेता वी.डी.सतीसन, जिन्होंने जानना चाहा कि राजस्व मंत्री ने नहीं, तो आदेश किसने जारी किए थे।
मंत्री के बयान के बाद, कोट्टायम और एर्नाकुलम में विभिन्न स्थानों पर लोगों ने अपना विरोध तेज कर दिया और विजय विरोधी नारे लगाने वाली पुलिस से भिड़ गए।
कोट्टायम और एर्नाकुलम में, गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने के-रेल अधिकारियों द्वारा रखे गए स्टोन को बाहर निकाला और अपने-अपने इलाके में स्थानीय सरकारी गांव के कार्यालय में ले गये।
सतीसन ने कहा कि चीजें एक ऐसे चरण में पहुंच गई हैं, जहां पूरी परियोजना के बारे में पूर्ण भ्रम है, क्योंकि किसी को कुछ भी पता नहीं है।
सतीसन ने कहा, विभिन्न विभाग परियोजना के बारे में अलग-अलग स्वर में बोल रहे हैं और ऐसा लगता है कि कोई भी जिम्मेदार नहीं है।
केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने कहा कि केंद्रीय रेल मंत्री ने राज्यसभा को सूचित किया था कि अभी तक इस परियोजना को कोई मंजूरी नहीं दी गई है।
मुरलीधरन जो राज्य की राजधानी शहर में उन लोगों से मिलने गए थे, (जिनकी जमीन अब के-रेल के अधिग्रहण के लिए चिह्न्ति की गई है, अगर यह एक वास्तविकता बन जाती है) ने कहा, प्रधानमंत्री के साथ विजयन की मुलाकात नियमित थी और जिसने भी रेल मंत्री की बात सुनी, वह निश्चित रूप से जानता है कि इसके लिए कोई मंजूरी नहीं आई है।
पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी ने कहा कि विजयन को परियोजना के साथ आगे नहीं बढ़ना चाहिए, क्योंकि यह व्यवहार्य नहीं है।
श्रीलंका में अराजकता पर प्रकाश डालते हुए, राज्य के पूर्व उद्योग मंत्री पी.के. कुन्हालीकुट्टी ने कहा कि यह सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर लिए गए ऋण का परिणाम है।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS