अनुसूचित जाति (एससी) के वर्गीकरण की मांग को लेकर मडिगा आरक्षण पोराटा समिति (एमआरपीएस) का प्रदर्शन सोमवार को हिंसक हो गया। इस दौरान हुए पथराव में एक पुलिसकर्मी घायल हो गया।
संसद में अनुसूचित जाति के वर्गीकरण के लिए विधेयक पेश करने की मांग को लेकर संगठन द्वारा बुलाए गए सड़क जाम के लिए एमआरपीएस कार्यकर्ता विजयवाड़ा-हैदराबाद राजमार्ग पर एकत्र हुए थे।
दर्जनों प्रदर्शनकारियों ने झंडे लेकर और नारेबाजी करते हुए थोटाचरला में राजमार्ग जाम कर दिया था। प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस हरकत में आई। इसको लेकर दोनों पक्षों में झड़प हो गई।
जैसे ही तनाव बढ़ा तो कुछ प्रदर्शनकारियों ने पथराव करना शुरू कर दिया, जिसमें एक कांस्टेबल घायल हो गया। जिसके बाद कांस्टेबल को नंदीगामा सरकारी अस्पताल ले जाया गया।
पुलिस कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर थाने ले आई। पथराव में कथित रूप से शामिल लोगों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस कर्मियों ने गांवों में घरों में भी प्रवेश किया। इसका स्थानीय लोगों ने जमकर विरोध किया।
इस बीच, हैदराबाद में एमआरपीएस के संस्थापक और अध्यक्ष मांडा कृष्णा मडिगा को नजरबंद कर दिया गया। पुलिस ने उन्हें राजमार्ग पर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने से रोकने के लिए शहर के अंबरपेट इलाके में उनके आवास से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी।
एमआरपीएस लंबे समय से मांग कर रहा है कि केंद्र ए, बी, सी और डी समूहों में एससी के वर्गीकरण के लिए संसद में एक विधेयक पेश करे। यह दोनों तेलुगु राज्यों की सरकारों से केंद्र पर दबाव बनाने का भी आग्रह कर रहे हैं।
उनका आरोप है कि कुछ अनुसूचित जातियां दूसरों की तुलना में आरक्षण का अधिक लाभ उठा रही हैं, एमआरपीएस का कहना है कि वर्गीकरण से कोटा का उचित वितरण सुनिश्चित होगा।
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Source : IANS