तमिलनाडु : वेदांता समूह के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन, पुलिस की गोली से 11 मरे-तूतिकोरिन में धारा 144 लागू
तमिलनाडु में मंगलवार को वेदांता समूह की कंपनी स्टरलाइट को बंद करने की मांग को लेकर हुए प्रदर्शन के हिंसक हो जाने के बाद पुलिस की गोलीबारी में एक लड़की समेत नौ लोगों की मौत हो गई।
highlights
- तमिलनाडु के तूतिकोरिन में वेदांता समूह की कंपनी के खिलाफ हिंसक हुआ प्रदर्शन
- कंपनी के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन में पुलिस ने चलाई गोली, 9 लोगों की मौत
तूतिकोरिन:
तमिलनाडु में मंगलवार को वेदांता समूह की कंपनी स्टरलाइट को बंद करने की मांग को लेकर हुए प्रदर्शन के हिंसक हो जाने के बाद पुलिस की गोलीबारी में एक लड़की समेत 11 लोगों की की मौत हो गई।
पुलिस की गोलीबारी में हुई मौत के बाद इलाके में स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। संभावित विरोध प्रदर्शन को रोकने और कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए तूतिकोरिन में स्थानीय प्रशासन ने धारा 144 लगा दी है।
आस-पास के क्षेत्रों के सैकड़ों लोगों ने इस कंपनी को बंद करने की मांग को लेकर कथित रूप से डिस्ट्रिक्ट कलेक्ट्रेट पर हमला कर दिया था।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पहले आंसूगैस के गोले छोड़े। प्रदर्शकारी नहीं रुके, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इसके बाद भी हिंसा जा रहने पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चला दी।
कंपनी ने यहां चार लाख टन प्रति वर्ष स्टरलाइट कॉपर परियोजना के विस्तार की घोषणा की थी, जिसके खिलाफ यहां लोग बीते 100 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं जो मंगलवार को हिंसक हो गया। लोगों में इस परियोजना से पर्यावरण और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर गंभीर चिंता बनी हुई है।
प्रदर्शनकारियों ने उग्र रूप धारण करते हुए कई वाहनों में आग लगा दिया और पुलिसकर्मियों पर पथराव किया। कलेक्ट्रेट के आस-पास का क्षेत्र युद्ध के मैदान में तब्दील हो गया। काला धुआं उठते हुए देखा गया। पुलिस ने जिसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया।
मृतकों की पहचान एंटनी, सेल्वाराज, कानदियाह, ग्लैडसन, जयराम, मनीराज, तमिलारासन, शनमुघम और वेनिस्ता के रूप में हुई है। पुलिसकर्मियों समेत कम से कम 60 लोग घायल हुए हैं। कई घायलों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है जहां कई की हालत गंभीर बनी हुई है।
घायलों में एक 16 वर्षीय स्कूली छात्रा शामिल है, उसे बस का इंतजार करते वक्त गोली लग गई।
विपक्षी पार्टियों ने इन मौतों के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। एक पार्टी ने मुख्यमंत्री पलनीस्वामी के इस्तीफे की मांग की है।
मुख्यमंत्री ई पलनीस्वामी ने घटना के बाद मंत्रिमंडल के अपने सहयोगियों और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की है और कहा कि कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
राज्य सरकार ने अपने बयान में कहा, 'इस मामले में सरकार लोगों की इच्छाओं का सम्मान करती है। करीब 20,000 लोगों ने कंपनी के खिलाफ रैली निकाली और लोगों ने डिस्ट्रिक्ट कलेक्ट्रेट के कार्यालय में तोड़-फोड़ के दौरान पुलिस पर हमला कर दिया और पुलिस वाहनों को जला दिया। पुलिस इसे नियंत्रित नहीं कर सकी, इसलिए उसे कुछ कार्रवाई करनी पड़ी।'
सरकार ने कहा है कि वह इस मामले में कानूनी कार्रवाई करेगी। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आस-पास के जिलों से पुलिस को भेजा गया है।
घटनास्थल पर मौजूद एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, 'प्रदर्शनकारियों ने जब क्षेत्र में कुछ वाहनों को जला दिया, उसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया गया और आंसूगैस के गोले छोड़े गए, लेकिन जब उनपर इनका असर नहीं हुआ तो पुलिस को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए फायरिंग करनी पड़ी।'
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने बिना उकसावे के ही शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों पर बल का प्रयोग किया।
यहां के लोग स्टरलाइट कॉपर स्मेलटिंग प्लांट को बंद करने की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि इस प्लांट की वजह से वायु प्रदूषण हो रहा है। स्थानीय लोग कई गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं और भूगर्भ जल का स्तर तेजी से नीचे जा रहा है।
तेज हुई सियासत
गोलीबारी में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना जताते हुए राहुल गांधी ने इसे 'राज्य प्रायोजित आतंकवाद' बताया।
उन्होंने कहा, 'तमिलनाडु में स्टरलाइट के विरोध प्रदर्शन के दौरान 9 लोगों को गोली मार देना, राज्य प्रायोजित आतंकवाद का क्रूर उदाहरण है। न्याय की मांग कर रहे लोगों की हत्या की गई है। मेरी संवेदनाएं इस घटना में मारे गए लोगों के परिवार वालों के साथ है।'
घटना की निंदा करते हुए द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के कार्यकारी अध्यक्ष एम.के. स्टालिन ने कहा कि पुलिस ने अत्याचार किया है।
अभिनेता से नेता बने कमल हासन और रजनीकांत ने भी इस घटना की निंदा की है।
मक्काल नीति मय्याम के प्रमुख कमल हासन ने कहा, '(स्टरलाइट कॉपर के) विस्तार की इजाजत ही नहीं दी जानी चाहिए थी। अगर संभव है तो इस इकाई को बंद करना ही अच्छा होगा। आवासीय और कृषि क्षेत्र के समीप प्लांट लगाने का कोई औचित्य नहीं है।'
रजनीकांत ने कहा, 'यह समझ नहीं आ रहा है कि सरकार जिसने इस प्लांट की अनुमति दी थी, वह क्यों कोई कार्रवाई नहीं कर रही है और क्यों केवल मूकदर्शक बनी हुई है।'
तमिलनाडु के मत्स्य विभाग के मंत्री डी. जयकुमार ने पत्रकारों से कहा कि शांति लिए पहचाने जाने वाले राज्य में लोगों की मौत दुर्भाग्यपूर्ण है।
और पढ़ें: पाकिस्तान ने फिर किया सीजफायर का उल्लंघन, अब तक 20 लोग घायल
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