लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने रविवार को जानना चाहा कि शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण को जारी रखने से क्या देश में समृद्धि आएगी. यहां एक तीन दिवसीय कार्यक्रम के अंतिम दिन महाजन ने कहा, 'अंबेडकर का विचार दस साल तक आरक्षण को जारी रखकर सामाजिक सौहार्द लाना था. लेकिन, हमने यह किया कि हर दस साल पर आरक्षण को बढ़ा दिया. क्या आरक्षण से देश का कल्याण होगा?'
उन्होंने समाज और देश में सामाजिक सौहार्द के लिए बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का अनुसरण करने के लिए कहा. इस मौके पर झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने वामपंथी झुकाव वाले इतिहासकारों पर विदेश में देश की नकारात्मक छवि पेश करने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, 'हमारे लिए सभी धर्म समान हैं. आज देश और समाज को तोड़ने वाली ताकतें सक्रिय हैं. सरल स्वभाव आदिवासियों का धर्म परिवर्तन किया गया. लेकिन, हमारी सरकार ने धर्म परिवर्तन विरोधी कानून बनाया है.'
इससे पहले उन्होंने कहा था कि आरक्षण को लेकर सभी दलों को मिलकर विचार विमर्श करना चाहिए. कानून में संशोधनों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'सभी राजनीतिक दलों को इस विषय में मिलकर विचार-विमर्श करना चाहिए. इस मुद्दे पर राजनीति नहीं की जा सकती, क्योंकि कानून का मूल स्वरूप बरकरार रखने के लिये संसद में सभी पार्टियों ने मतदान किया था.'
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उन्होंने कहा, 'कानून बनाना तो संसद का काम है लेकिन सभी सांसदों को मिलकर इस संबंध में सोचना चाहिए. इस विचार-विमर्श के लिए उचित वातावरण बनाना समाज के सभी लोगों की जिम्मेदारी है.' महाजन ने कहा कि मैं एक छोटी सी 'मनावैज्ञानिक कहानी' के जरिए अपनी बात को समझाना चाहूंगी.
Source : News Nation Bureau