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कांग्रेस नेता पी चिदंबरम (फाइल फोटो)
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्हें विदेशी बैंकों से विशिष्ट जानकारी प्राप्त हुई है, जिसमें पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की विदेशों में स्थित संपत्तियों के इनपुट शामिल हैं. एजेंसी ने बताया कि इसमें चिदंबरम के घर के नंबर और कंपनियां शामिल हैं.
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सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति आर. बानुमती की अध्यक्षता वाली एक पीठ के सामने यह रिपोर्ट पेश की. उन्होंने कहा, "इसके परिणामस्वरूप हमने इस मामले में कानूनी पत्र (लेटर्स रोजेटरी) जारी की है. आरोपियों द्वारा इस मामले में धनशोधन को अपनाया गया है.
ईडी ने चिदंबरम के साथ अपनी जांच रिपोर्ट साझा करने से इनकार कर दिया, क्योंकि मामले में आरोप पत्र अभी तक दायर नहीं किया गया है. इसके अलावा एजेंसी ने अदालत के समक्ष एक सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट सौंपी और अपील की है कि इसे देखने के बाद अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला किया जाए. ईडी के वकील ने तर्क दिया, "हमारे पास मनी लॉन्ड्रिंग साबित करने के लिए मजबूत सबूत हैं."
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मेहता ने अदालत को बताया किया कि इस मामले में रिकॉर्ड आधिकारिक रूप से प्राप्त किए गए हैं. यह किसी भी तरीके से बनाए या गढ़े गए नहीं हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि आरोपियों को गिरफ्तार करना ईडी का वैधानिक अधिकार है. ईडी निदेशक को गिरफ्तारी का अधिकार है. मेहता ने अदालत को बताया कि दुनिया भर के विभिन्न बैंकों से प्राप्त जानकारी को इस मामले में सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है.