अयोध्या विवाद में सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन को श्राप देने वाले 88 साल के प्रोफेसर प्रोफेसर षणमुगम ने माफी मांग ली. इसके बाद राजीव धवन के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके मुवक्किल अब इस मामले को आगे बढ़ाने के पक्ष में नहीं हैं. इसके बाद कोर्ट ने प्रोफेसर षणुमुगम के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही बंद कर दी. कोर्ट ने प्रोफेसर षणुमुगम को ऐसी हरकतें न दोहराने की चेतावनी दी.
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सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मामले की सुनवाई के 17वें दिन मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन को मिले धमकी भरे पत्र का जिक्र आया था. इस पत्र में मु्स्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन को 'श्राप' दिया गया था. इसे लेकर राजीव धवन ने अवमानना याचिका दाखिल की थी.
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दरअसल, 88 साल के प्रोफेसर एन षणमुगम ने राजीव धवन को 14 अगस्त को चिट्ठी लिखी थी. इस चिट्ठी में उन्होंने लिखा था, 'फरवरी 1941 से लेकर अब तक मैं 50 लाख बार गायत्री मंत्र का जाप कर चुका हूं. सितंबर 1958 से लेकर अब तक 27,000 बार गीता का दसवां अध्याय पढ़ा है. अपनी इसी जीभ से मैं भगवान के काम के रास्ते में अड़चन डालने के लिए आपको श्राप देता हूं कि आपकी जीभ बोलना बंद कर दे. आपके पैर काम करना बंद कर दें. आपकी आंखों की रोशनी चली जाए. आपके कान सुनना बंद कर दें.'
Source : अरविंद सिंह