logo-image

शिक्षकों की मांग : रोजगारपरक कोर्स मुहैया कराएं डीयू के नए कुलपति

शिक्षकों की मांग : रोजगारपरक कोर्स मुहैया कराएं डीयू के नए कुलपति

Updated on: 23 Sep 2021, 02:30 PM

नई दिल्ली:

प्रोफेसर योगेश सिंह दिल्ली विश्वविद्यालय के नए कुलपति बनाए गए हैं। प्रोफेसर योगेश सिंह ऐसे समय में डीयू की बागडोर संभाल रहे हैं जब नई शिक्षा नीति को लागू किया जा रहा है। दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने आशा जताई है कि प्रोफेसर सिंह छात्रों के लिए शिक्षकों के साथ मिलकर ऐसा पाठ्यक्रम तैयार कराएंगें, जिसे पूरा करने के बाद छात्रों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।

राष्ट्रपति ने बुधवार शाम प्रोफेसर योगेश सिंह के नाम को मंजूरी दी है। दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षक संगठनों ने इस फैसले का स्वागत किया है। साथ ही आशा व्यक्त की है अब एडहॉक शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति की राह आसान होगी। इसके साथ ही शैक्षिक व गैर शैक्षिक कर्मचारियों की लंबे समय से रुकी हुई नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना जताई है।

दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. हंसराज सुमन का कहना है कि शिक्षा के क्षेत्र में और कुलपति के रूप में प्रोफेसर सिंह का लंबा अनुभव है जो डीयू के लिए अच्छा संकेत है।

डॉ. सुमन ने बताया है कि डीटीयू में उन्होंने शिक्षा को रोजगार से जोड़कर छात्रों को अपने पैरों पर खड़ा किया। शिक्षा ग्रहण करने के बाद यदि रोजगार नहीं है तो वह खुद अपना रोजगार स्थापित कर सकें।

डॉ. सुमन ने प्रोफेसर सिंह से मांग की है कि जिस तरह से कॉलेज और विभागों के शिक्षकों की प्रमोशन जारी है वह उसी तरह से जारी रहे। प्रमोशन के बाद शिक्षा मंत्रालय व यूजीसी द्वारा जारी सकरुलर को लागू करते हुए मिशन मोड़ में एससी, एसटी, ओबीसी व ईडब्ल्यूएस शिक्षकों के बैकलॉग पदों को भरने के लिए विज्ञापन निकलवाएं।

उन्होंने बताया है कि डीयू में शिक्षकों के पदों को भरने के लिए कई बार विज्ञापन निकाले जा चुके हैं ,उन विज्ञापनों की समय सीमा समाप्त हो चुकी है। उन्होंने इन पदों को निकालने से पूर्व कॉलेजों के लायजन ऑफिसर के साथ एक मीटिंग अवश्य करें ताकि सभी वर्गों के शिक्षकों को न्याय मिले।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.