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क्‍या अब भी हिंदू विरोधी हैं राहुल गांधी, अखिलेश यादव और सीताराम येचुरी, दिल्‍ली विवि के प्रोफेसर ने लगाए ये आरोप

राम मंदिर पर संसद के आगामी सत्र में निजी विधेयक लाने की घोषणा कर राजनीति गरमाने वाले प्रो राकेश सिन्‍हा ने शनिवार को सुबह फिर दो ट्वीट कर मामला गरमा दिया.

Updated on: 08 Dec 2018, 12:35 PM

नई दिल्ली:

राम मंदिर पर संसद के आगामी सत्र में निजी विधेयक लाने की घोषणा कर राजनीति गरमाने वाले प्रो राकेश सिन्‍हा ने शनिवार को सुबह फिर दो ट्वीट कर मामला गरमा दिया. राकेश सिन्‍हा ने ट्वीट में कहा, जनतंत्र में संवाद महत्वपूर्ण आयाम है. राम मंदिर के लिए निजी विधेयक पर मैंने @RahulGandhi @yadavakhilesh @laluprasadrjd @ncbn @SitaramYechury से समर्थन मांगा था, लेकिन किसी की ज़ुबान नहीं खुली. समर्थन तो दूर इस मुद्दे को लेकर मिलने के आग्रह को भी ठुकरा दिया गया. इससे उनकी हिंदू विरोधी निंदनीय मानसिकता उजागर हुई है.

इससे पहले राकेश सिन्‍हा ने ट्वीट किया था, जो लोग @BJP4India @RSSorg को उलाहना देते रहते हैं कि राम मंदिर की तारीख़ बताएं, उनसे सीधा सवाल क्या वे मेरे private member bill का समर्थन करेंगे ? समय आ गया है दूध का दूध पानी का पानी करने का. तब उन्‍होंने कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी, सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव, माकपा नेता सीताराम येचुरी और राजद अध्‍यक्ष लालू प्रसाद यादव को भी टैग किया था.

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बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर मुद्दे को गरमाने की तैयारी हो चुकी है. प्रो राकेश सिन्‍हा संसद के आगामी सत्र में राम मंदिर को लेकर प्राइवेट मेंबर बिल लाने की घोषणा कर चुके हैं. राकेश सिन्‍हा ने विपक्षी दलों के नेता राहुल गांधी, सीताराम येचुरी, अखिलेश यादव और लालू प्रसाद यादव को भी टैग किया था. राकेश सिन्‍हा के बाद बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने भी राम मंदिर पर बिल लाने की बात कही थी.

एक अन्‍य ट्वीट में राकेश सिन्‍हा ने लिखा था, 'धारा 377, जलिकट्टू और सबरीमाला पर फैसला देने में सुप्रीम कोर्ट ने कितने दिन लगाए? लेकिन दशकों दशक से अयोध्या प्राथमिकता में नहीं है. यह हमारे हिंदू समाज के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता में है.' अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा, जो लोग तारीख पूछते थे अब उनपर जिम्मेदारी है कि बताएं बिल का समर्थन करेंगे या नहीं?

जानें, क्‍या होता है प्राइवेट मेंबर बिल?
आम तौर पर संसद में सरकार के मंत्री विधेयक पेश करते हैं, लेकिन मंत्रियों के अलावा अन्‍य सदस्यों को भी व्यक्तिगत रूप से विधेयक लाने का अधिकार है. इन विधेयकों को संसद की प्रक्रिया में लाना स्‍पीकर या चेयरमैन का विशेषाधिकार होता है. सरकार का रुख भी इसको लेकर बहुत मायने रखता है. लोकसभा और राज्यसभा में हर शुक्रवार को दोपहर बाद का समय निजी विधेयक (प्राइवेट मेंबर बिल) पेश करने के लिए तय है.