विश्वभारती यूनिवर्सिटी के समारोह में शामिल हुए प्रधानमंत्री मोदी, छात्रों को दिया यह संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विश्व-भारती यूनिवर्सिटी (Visva-Bharati University) के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए हैं.
नई दिल्ली/कोलकाता:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विश्व-भारती यूनिवर्सिटी (Visva-Bharati University) के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए हैं. उन्होंने विश्व-भारती यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया. इस कार्यक्रम में पीएम मोदी के अलावा पश्चिम बंगाल (West Bengal) के राज्यपाल और विश्वभारती के रेक्टर जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar), केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक (Ramesh Pokhriyal Nishank) और केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री संजय धोत्रे कार्यक्रम में मौजूद रहे. आज समारोह के दौरान 2535 छात्रों को डिग्री दी गई. आपको बता दें यह देश का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है.
वर्ष 2047 में, जब भारत अपनी आजादी के 100 वर्ष का समारोह बनाएगा, तब तक विश्व भारती के 25 सबसे बड़े लक्ष्य क्या होंगे, ये इस विजन डॉक्यूमेंट में रखे जा सकते हैं- मोदी
मेरा आग्रह है, अगले 25 वर्षों के लिए विश्व भारती के विद्यार्थी मिलकर एक विजन डॉक्यूमेंट बनाएं- मोदी
भारत जो है, जो मानवता, जो आत्मीयता, जो विश्व कल्याण की भावना हमारे रक्त के कण-कण में है, उसका ऐहसास बाकी देशों को कराने के लिए विश्व भारती को देश की शिक्षा संस्थाओं का नेतृत्व करना चाहिए- मोदी
इस वर्ष हम अपनी आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं. विश्व भारती के प्रत्येक विद्यार्थी की तरफ से देश को सबसे बड़ा उपहार होगा कि भारत की छवि को और निखारने के लिए आप ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करें- मोदी
बंगाल ने अतीत में भारत के समृद्ध ज्ञान-विज्ञान को आगे बढ़ाने में देश को नेतृत्व दिया- मोदी
ये शिक्षा नीति उद्यमिता, स्वरोजगार को भी बढ़ावा देती है. ये शिक्षा नीति रिसर्च को, इनोवेशन को बढ़ावा देती है. आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में ये शिक्षा नीति भी एक अहम पड़ाव है- मोदी
ये शिक्षा नीति आपको अलग-अलग विषयों को पढ़ने की आजादी देती है. ये शिक्षा नीति, आपको अपनी भाषा में पढ़ने का विकल्प देती है- मोदी
आज भारत में जो नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनी है, वो भी पुरानी बेड़ियों को तोड़ने के साथ ही, विद्यार्थियों को अपना सामर्थ्य दिखाने की पूरी आजादी देती- मोदी
इस साल बजट में रिसर्च के लिए नेशनल रिसर्च फाउंडेशन के माध्यम से आने वाले 5 साल में 50 हज़ार करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव रखा है- मोदी
हाल ही में सरकार ने देश और दुनिया के लाखों Journals की फ्री एक्सेस अपने स्कॉलर्स को देने का फैसला किया है- मोदी
गुरुदेव ने विश्वभारती में जो व्यवस्थाएं विकसित कीं, जो पद्धतियां विकसित कीं, वो भारत की शिक्षा व्यवस्था को परतंत्रता की बेड़ियों से मुक्त करने, उन्हें आधुनिक बनाने का एक माध्यम थीं- मोदी
इसी पुस्तक में विलियम एडम का भी जिक्र है, जिन्होंने ये पाया था कि 1830 में बंगाल और बिहार में एक लाख से ज्यादा विलेज स्कूल थे- मोदी
भारत पर ब्रिटिश एजुकेशन सिस्टम थोपे जाने से पहले, थॉमस मुनरो ने भारतीय शिक्षा पद्धति और भारतीय शिक्षा व्यवस्था की ताकत देखी थी. उन्होंने देखा था कि हमारी शिक्षा व्यवस्था कितनी वाइब्रेंट है- मोदी
इस पुस्तक में धरमपाल जी ने थॉमस मुनरो द्वारा किए गए एक राष्ट्रीय शिक्षा सर्वे का ब्योरा दिया है. 1820 में हुए इस शिक्षा सर्वे में कई ऐसी बातें हैं, जो हैरान करती हैं. उस सर्वे में भारत की साक्षरता दर बहुत ऊंची आंकी गई थी- मोदी
आज महान गांधीवादी धरमपाल जी की जन्म जयंती भी है. उनकी एक रचना है- The Beautiful Tree- Indigenous Indian Education in the Eighteenth Century. आज आपसे बात करते हुए मैं इसका जिक्र भी करना चाहता हूं- मोदी
सफलता और असफलता हमारा वर्तमान और भविष्य तय नहीं करती. हो सकता है आपको किसी फैसले के बाद जैसा सोचा था वैसा परिणाम न मिले, लेकिन आपको फैसला लेने में डरना नहीं चाहिए- मोदी
अगर आपकी नीयत साफ है और निष्ठा मां भारती के प्रति है, तो आपका हर निर्णय किसी ना किसी समाधान की तरफ ही बढ़ेगा- मोदी
ये सिर्फ विचारधारा का प्रश्न नहीं है, बल्कि माइंडसेट का भी विषय है. आप क्या करते हैं, ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपका माइंडसेट पॉजिटिव है या नेगेटिव है- मोदी
दूसरी तरफ ऐसे भी लोग हैं जो कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से दुनिया को मुक्ति दिलाने के लिए दिनरात प्रयोगशालाओं में जुटे हुए हैं- मोदी
आप देखिए, जो दुनिया में आतंक फैला रहे हैं, जो दुनिया में हिंसा फैला रहे हैं, उनमें भी कई Highly Learned, Highly Skilled लोग हैं- मोदी
आपका ज्ञान, आपकी स्किल, एक समाज को, एक राष्ट्र को गौरवान्वित भी कर सकती है और वो समाज को बदनामी और बर्बादी के अंधकार में भी धकेल सकती है. इतिहास और वर्तमान में ऐसे अनेक उदाहरण हैं- नरेंद्र मोदी
जैसे सत्ता में रहते हुए संयम और संवेदनशील रहना पड़ता है, रहना जरूरी होता है, उसी प्रकार हर विद्वान को उनके प्रति जिम्मेदार रहना पड़ता है, जिनके पास जो शक्ति है- मोदी
जब आप अपने कैंपस में बुधवार को ‘उपासना’ के लिए जुटते हैं, तो स्वयं से ही साक्षात्कार करते हैं. जब आप गुरुदेव द्वारा शुरू किए गए समारोहों में जुटते हैं, तो स्वयं से ही साक्षात्कार करते हैं- मोदी
गुरुदेव टैगोर के लिए विश्व भारती, सिर्फ ज्ञान देने वाली एक संस्था नहीं थी. ये एक प्रयास है भारतीय संस्कृति के शीर्षस्थ लक्ष्य तक पहुंचने का, जिसे हम कहते हैं- स्वयं को प्राप्त करना- PM
गुरुदेव टैगोर अगर विश्व भारती को सिर्फ एक यूनिवर्सिटी के रूप में देखना चाहते, तो वो इसको ग्लोबल यूनिवर्सिटी या कोई और नाम भी दे सकते थे. लेकिन उन्होंने, इसे विश्व भारती विश्वविद्यालय नाम दिया- मोदी
गुरुदेव रबिन्द्रनाथ टैगोर ने जो अद्भुत धरोहर मां भारती को सौंपी हैं, उसका हिस्सा बनना, आप सभी साथियों से जुड़ना, मेरे लिए प्रेरक भी है और आनंददायक भी है- मोदी
आज प्रेरणा का दिन है. आज शिवाजी महाराज की जयंती हैं और सभी देशवासियों को इसकी शुभकामनाएं- मोदी
इस बार कुछ समय के अंतराल पर विश्वभारती के कार्यक्रम में शामिल होना का मौका मिला है. डिग्री लेने वाले छात्रों को बधाई- मोदी
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