21वीं सदी का भारत टुकड़ों में नहीं, समग्र तरीके से सोचता है- PM मोदी
5वें आयुर्वेद दिवस के मौके पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को दो आयुर्वेद संस्थानों की सौगात देंगे. इनमें से एक आयुर्वेद संस्थान गुजरात के जामनगर में और दूसरा राजस्थानी के जयपुर में बनाया गया है.
नई दिल्ली:
5वें आयुर्वेद दिवस के मौके पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को दो आयुर्वेद संस्थानों की सौगात देंगे. इनमें से एक आयुर्वेद संस्थान गुजरात के जामनगर में और दूसरा राजस्थानी के जयपुर में बनाया गया है. दोनों ही संस्थान देश में आयुर्वेद के प्रतिष्ठित संस्थान हैं. जामनगर के आयुर्वेद अध्यापन एवं अनुसंधान संस्थान को संसद के कानून के माध्यम से राष्ट्रीय महत्व के संस्थान (आईएनआई) का दर्जा प्रदान किया गया है, जबकि जयपुर के राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान को विश्वविालय अनुदान आयोग द्वारा मानद विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान किया गया है.
बीते साल की तुलना में इस साल सितंबर में आयुर्वेदिक उत्पादों का निर्यात करीब डेढ गुना बढ़ा है- मोदी
आज एक तरफ भारत जहां वैक्सीन की टेस्टिंग कर रहा है. वहीं दूसरी तरफ कोविड से लड़ने के लिए आयुर्वेदिक रिसर्च पर भी अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को तेजी से बढ़ा रहा है- मोदी
इतनी बड़ी जनसंख्या वाला हमारा देश अगर आज संभली हुई स्थिति में है तो उसमें हमारी इस परंपरा का बहुत बड़ा योगदान है- पीएम
कोरोना से मुकाबले के लिए जब कोई प्रभावी तरीका नहीं था तो भारत के घर-घर में हल्दी, काढ़ा, दूध जैसे अनेक इंम्यूनिटी बूस्टर जैसे उपाय बहुत काम आए- मोदी
देश में सस्ते और प्रभावी इलाज के साथ प्रेवेंटिक हैल्थ केयर वेलनेस पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है- मोदी
21वीं सदी का भारत अब टुकड़ों में नहीं, समग्र तरीके से सोचता है. स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियों को भी अब समग्र दृष्टिकोण के साथ उसी तरीके से ही सुलझाया जा रहा है- पीएम
मुझे विश्वास है कि हमारे साझा प्रयासों से आयुष ही नहीं, बल्कि आरोग्य का हमारा पूरा सिस्टम एक बड़े बदलाव का साक्षी बनेगा: पीएम
आज जब इन 2 महत्वपूर्ण संस्थानों का कद बढ़ा है, तो मेरा एक आग्रह भी है-अब आप सब पर ऐसे पाठ्यक्रम तैयार करने की जिम्मेदारी है जो इंटरनेशनल प्रैक्टिस के अनुकूल और वैज्ञानिक मानकों के अनुरूप हो- पीएम
बदलते समय के साथ आज हर चीज इंटीग्रेट हो रही है. स्वास्थ्य भी इससे अलग नहीं है. इसी सोच के साथ देश आज इलाज की अलग-अलग पद्धतियों के इंटीग्रेशन के लिए एक के बाद एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है. इसी सोच ने आयुष को देश की आरोग्य नीति का अहम हिस्सा बनाया है- प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आज आयुर्वेद दिवस के मौके पर राजस्थान और गुजरात में दो आयुर्वेद संस्थानों का उद्घाटन किया है.
देश में अब हमारे पुरातन चिकित्सीय ज्ञान-विज्ञान को 21वीं सदी के आधुनिक विज्ञान से मिली जानकारी के साथ जोड़ा जा रहा है, नई रिसर्च की जा रही है- मोदी
ये हमेशा से स्थापित सत्य रहा है कि भारत के पास आरोग्य से जुड़ी कितनी बड़ी विरासत है. लेकिन ये भी उतना ही सही है कि ये ज्ञान ज्यादातर किताबों में, शास्त्रों में रहा है और थोड़ा-बहुत दादी-नानी के नुस्खों में. इस ज्ञान को आधुनिक आवश्यकताओं के अनुसार विकसित किया जाना आवश्यक है- मोदी
डब्ल्यूएचओ ने पारंपरिक चिकित्सा के लिए वैश्विक केंद्र की स्थापना के लिए भारत को चुना है- मोदी
किस भारतीय को खुशी नहीं होगी कि हमारा पारंपरिक ज्ञान, अब अन्य देशों को भी समृद्ध कर रहा है- मोदी
दो आयुर्वेद संस्थानों के उद्घाटन के मौके पर पीएम मोदी ने कहा, -आयुर्वेद, भारत की विरासत है जिसके विस्तार में पूरी मानवता की भलाई समाई हुई है.
राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर को डीम्ड युनिवेर्सिटी का दर्जा मिल गया है. देश का पहला राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जिसे डीम्ड युनिवर्सिटी का दर्जा मिला है.
आईटीआरए को गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय परिसर के चार आयुर्वेदिक संस्थानों को मिलाकर बनाया गया है. यह आयुष के क्षेत्र में पहला संस्थान है जिसे आईएनआई दर्जा प्रदान किया गया.
संसद के कानून से हाल ही में बने जामनगर का आईटीआरएस विश्वस्तरीय स्वास्थ्य देखभाल केंद्र के रूप में उभरने वाला है. उसमें 12 विभाग, तीन क्लीनिकल प्रयोगशालाएं और तीन अनुसंधान प्रयोगशालाएं हैं. यह पारंपरिक दवा के क्षेत्र में अनुसंधान कार्य में अगुवा भी है, फिलहाल यहां 33 परियोजनाएं चल रही है.
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