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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की मन की बात, जानिए 10 बड़ी बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि चार दिन बाद नया साल शुरू होने वाला है. अगले साल अगली मन की बात होगी. उन्होने कहा कि देश में नया सामर्थ्य पैदा हुआ है. इस नई सामर्थ्य का नाम आत्मनिर्भरता है.

Updated on: 27 Dec 2020, 01:38 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि चार दिन बाद नया साल शुरू होने वाला है. अगले साल अगली मन की बात होगी. उन्होने कहा कि देश में नया सामर्थ्य पैदा हुआ है. इस नई सामर्थ्य का नाम आत्मनिर्भरता है. देश में बने खिलौनों की मांग बढ़ रही है.  चलिए हम आपको बताते हैं पीएम मोदी ने मन की बात की 10  प्रमुख बातें. इस नई सामर्थ्य का नाम आत्मनिर्भरता है. देश में बने खिलौनों की मांग बढ़ रही है.  चलिए हम आपको बताते हैं पीएम मोदी ने मन की बात की 10  प्रमुख बातें.

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1. अधिकतर पत्रों में लोगों ने देश के सामर्थ्य, देशवासियों की सामूहिक शक्ति की भरपूर प्रशंसा की है.

2. जब जनता कर्फ्यू जैसा अभिनव प्रयोग, पूरे विश्व के लिए प्रेरणा बना, जब ताली-थाली बजाकर देश ने हमारे कोरोना वॉरियर्स का सम्मान किया था, एकजुटता दिखाई थी उसे भी कई लोगों ने याद किया है.

3. विशाखापत्तनम से वेंकट मुरलीप्रसाद जी ने जो लिखा है, उसमें भी एक अलग ही तरह का Idea है. वेंकट जी ने लिख है, मैं आपको 2021 के लिए अपना ABC attach कर रहा हूं.

4. एक दिन, कुछ पर्यटकों ने इस भूले-बिसरे मंदिर का एक video social media पर post कर दिया.

5. युवा brigade ने जब इस वीडियो को social media पर देखा तो उनसे रहा नहीं गया और फिर, इस टीम ने मिलजुल कर इसका जीर्णोद्धार करने का फैसला किया. 

6. आपको यह जानकर खुशी होगी कि कश्मीरी केसर को GI Tag का सर्टिफिकेट मिलने के बाद दुबई के एक सुपर मार्किट में इसे launch किया गया. अगली बार जब आप केसर को खरीदने का मन बनायें, तो कश्मीर का ही केसर खरीदने की सोचें .

7. गीता, हमें, हमारे जीवन के हर सन्दर्भ में प्रेरणा देती है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है, गीता इतनी अद्भुत ग्रन्थ क्यों है ? वो इसलिए क्योंकि ये स्वयं भगवान श्रीकृष्ण की ही वाणी है.

8. श्रीनिवासाचार्य स्वामी जी संस्कृत और तमिल के विद्वान हैं. वो अब तक करीब 16 आध्यात्मिक ग्रन्थ भी लिख चुके हैं. लेकिन, Computer आने के बाद उन्हें जब लगा कि अब तो किताब लिखने और प्रिंट होने का तरीका बदल गया है, तो उन्होंने, 86 साल की उम्र में, computer सीखा. 

9. कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो लगातार कुछ-न-कुछ नया करते रहते हैं, नए-नए संकल्पों को सिद्ध क्रेते रहते हैं. आपने भी अपने जीवन में महसूस किया होगा, जब हम समाज के लिए कुछ करते हैं तो बहुत कुछ करने की उर्जा समाज हमें खुद ही देता है.

10. गुरुग्राम के प्रदीप सांगवान 2016 से Healing Himalayas नाम से अभियान चला रहे हैं. वो अपनी टीम और volunteers के साथ हिमालय के अलग-अलग इलाकों में जाते हैं, और जो प्लास्टिक कचरा टूरिस्ट वहाँ छोड़कर जाते हैं, वो साफ करते हैं. इसी तरह कर्नाटक के एक युवा दंपति हैं, अनुदीप और मिनुषा.