राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद सोमवार को पहली बार राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का दौरा करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 फरवरी को देश का पहला वॉर मेमोरियल राष्ट्र को समर्पित किया था. आजादी के बाद शहीद हुए सैनिकों की याद में बना यह मेमोरियल इंडिया गेट के पास स्थित है. इस मेमोरियल में आजादी के बाद से अब तक देश के लिए बलिदान होने वाले सभी सैनिकों का नाम लिखा गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार के इस महत्वाकांक्षी स्मारक को बनाने में 176 करोड़ रुपए खर्च हुए थे.
Delhi: President Ram Nath Kovind to visit the National War Memorial tomorrow, for the first time, to pay tribute to jawans who lost their lives. (file pic) pic.twitter.com/BN3kwDCiNE
— ANI (@ANI) April 7, 2019
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इस स्मारक की 10 खास बातें:
1. यह स्मारक 40 एकड़ जमीन पर बनाया गया है.
2. नेशनल वॉर मेमोरियल में चार चक्र हैं. सबसे बाहर सुरक्षा चक्र है. जिसमें 695 पेड़ लगे हुए हैं. जो देश की रक्षा में तैनात जवानों को दर्शाते हैं.
3. दूसरा चक्र त्याग चक्र है. जिसमें आजादी के बाद के युद्धों में शहीद होने वाले 25,942 सैनिकों का नाम लिखा गया है. इसमें 16 दीवारें हैं. इन सभी पर सुनहरे अक्षरों में शहीदों का नाम लिखा है. इसमें नौसेना, वायुसेना और थलसेना के सैनिकों का नाम शामिल है.
4. तीसरा चक्र वीरता चक्र है. जिसमें आजादी के बाद भारतीय सेना द्वारा लड़ी गई लड़ाईयों के बारे में बताया गया है. इसमें 1947-48, चीन से 1962 का युद्ध, 1965 का भारत-पाक युद्ध, 1971 का युद्ध, 1999 में कारगिल की लड़ाई के बारे में बताया गया है.
5. सबसे अंदर अमर चक्र है. जिसमें 15.5 मीटर ऊंचा स्मारक है. इसमें हमेशा अमर ज्योति जलती रहेगी.
6. 2015 में इसे बनाने की मंजूरी मिली थी और 2 साल बाद 2017 में इसका काम शुरू हुआ. नेशनल वॉर मेमोरियल की मांग सबसे पहले 1961 में की गई थी.
7. परमवीर चक्र से सम्मानित होने वाले सभी 21 अमर बलिदानियों को विशेष सम्मान दिया गया है. सभी परमवीर चक्र विजेताओं की मूर्ति भी लगाई गई है.
8. इस मेमोरियल का एक ऐप भी लॉन्च किया जाएगा. जिसकी मदद से शहीदों का नाम मेमोरियल में आसानी से खोजा जा सकेगा.
9. मेमोरियल सप्ताह के सातों दिन खुलेगा. यहां एंट्री भी बिल्कुल फ्री रहेगी. हर रोज सूर्यास्त के समय रिट्रीट सेरेमनी और रविवार को चेंज ऑफ गार्ड सेरेमनी आयोजित किया जाएगा.
10. इस वॉर मेमोरियल में भी इंडिया गेट की तरह एक अखंड ज्योति जलेगी. इंडिया गेट भी प्रथम विश्वयुद्ध और अफगान कैंपेन के बाद शहीद हुए 70 हजार भारतीय सैनिकों की याद में बना है. इसे ब्रिटिश सरकार ने बनवाया था. 1971 में शहीद हुए जवानों की याद में अमर जवान ज्योति जलाई गई थी.
Source : News Nation Bureau