प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 अक्टूबर को मन की बात कर रहे हैं. आज यानी रविवार को दिवाली भी है. ऐसे में उन्होंने मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत में लोगों को दिवाली की शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा, आजकल दुनिया के अनेक देशों में दिवाली मनायी जाती है. इसमें सिर्फ भारतीय समुदाय शामिल होता है, ऐसा नहीं है बल्कि अब कई देशों की सरकारें, वहां के नागरिक दिवाली को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं. एक प्रकार से वहां ‘भारत’ खड़ा कर देते हैं.
पीएम मोदी ने कहा, दुनिया में festival tourism का अपना ही आकर्षण है. हमारा भारत, जो त्योहारों का देश है, उसमें Festival Tourism की भी अपार संभावनाएं हैं. हमारा प्रयास होना चाहिये कि हम त्योहारों का प्रसार करें. उन्होंने कहा, पिछली मन की बात में हमने तय किया था कि इस दीपावली पर कुछ अलग करेंगे. मैंने कहा था, आइये, हम सभी इस दीपावली पर भारत की नारी शक्ति और उनकी उपलब्धियों को celebrate करें, यानी भारत की लक्ष्मी का सम्मान. भारत की लक्ष्मी की ऐसी अनेक कहानियां लोगों ने शेयर की हैं. आप जरुर पढ़िये, प्रेरणा लीजिये और खुद भी ऐसा ही कुछ अपने आस-पास से शेयर कीजिये और मेरा, भारत की इन सभी लक्ष्मियों को आदरपूर्वक नमन है.
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गुरुनानक देव जी के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि 12 नवंबर को दुनिया भर में गुरुनानक देव जी का 550वां प्रकाश उत्सव मनाया जाएगा. देव जी का प्रभाव भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में है. गुरुनानकदेव जी मानते थे कि निस्वार्थ भाव से किए गए सेवा कार्य की कोई कीमत नहीं हो सकतीं. पीएम मोदी ने कहा, अभी कुछ दिन पहले ही, करीब 85 देशों के राजदूत, दिल्ली से अमृतसर गये थे। वहां राजदूतों ने Golden Temple के दर्शन तो किये ही, उन्हें, सिख परम्परा और संस्कृति के बारे में भी जानने का अवसर मिला. इसके बाद कई राजदूतों ने सोशल मीडिया पर वहां की तस्वीरें साझा की.
उन्होने कहा, 31 अक्टूबर की तारीख आप सबको याद होगी. भारत के लौह पुरुष सरदार पटेल की जन्म जयंती का है जो देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले महानायक थे. सरदार साहब की कार्यशैली के विषय में जब पढ़ते हैं, सुनते हैं, तो पता चलता है कि उनकी प्लानिंग कितनी जबरदस्त होती थी. प्रधानमंत्री ने कहा, सरदार पटेल बारीक-से-बारीक चीजें को भी बहुत गहराई से देखते थे, परखते थे. सही मायने में , वे 'Man of detail' थे. सरदार साहब की कार्यशैली के विषय में जब पढ़ते हैं, सुनते हैं, तो पता चलता है कि उनकी प्लानिंग कितनी जबरदस्त होती थी.
इसी के साथ 1921 में अहमदाबाद में कांग्रेस अधिवेशन में पानी की व्यवस्था, जूते या कोई सामान के लिये खादी के थैले का प्रबंध आदि के विषय में सरदार पटेल की योजना और कार्यशैली की तारीफ़ करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक घटना का उदाहरण दिया. पीएम मोदी ने कहा, संविधान सभा में उल्लेखनीय भूमिका निभाने के लिए हमारा देश, सरदार पटेल का सदैव कृतज्ञ रहेगा. उन्होंने मौलिक अधिकारों को सुनिश्चित करने का महत्वपूर्ण कार्य किया, जिससे जाति और संप्रदाय के आधार पर होने वाले किसी भी भेदभाव की गुंजाइश न बचे.
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पीएम मोदी ने कहा, पीएम मोदी ने कहा, लक्षद्वीप कुछ द्वीपों का समूह है. 1947 में भारत विभाजन के तुरंत बाद हमारे पड़ोसी की नज़र लक्षद्वीप पर थी और उसने अपने झंडे के साथ जहाज भेजा था. सरदार पटेल ने बगैर समय गंवाये, तुरंत, कठोर कार्यवाही शुरू कर दी. पीएम मोदी ने कहा, सरदार साहब की याद में बना स्टैचु ऑफ युनीटि देश और दुनिया को समर्पित किया गया था. यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है. अमेरिका में स्थित ‘Statue Of Liberty’ से भी ऊंचाई में double है. मुझे आशा है कि आप सभी लोग अपने कीमती समय से कुछ वक़्त निकाल कर स्टैचु ऑफ यूनिटी देखने जाएंगे.
पीएम मोदी ने कहा, मैं दीपावली के पावन पर्व पर आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं. दीवाली में हम पटाखे का उपयोग करते हैं, लेकिन, कभी-कभी असावधानी में आग लग जाती है. मेरा आग्रह है कि खुद को भी संभालिये और उत्सव को बड़े उमंग से मनाइये. मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो