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PM मोदी ने रक्षा मंत्रालय के नए कार्यालयों का किया उद्घाटन, ये होगा फायदा

रक्षा कार्यालय परिसर दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मार्ग और अफ्रीका एवेन्यू में हैं. नए रक्षा कार्यालय परिसरों में सेना, नौसेना और वायु सेना सहित रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों के लगभग 7,000 अधिकारी काम कर सकते हैं.

Updated on: 16 Sep 2021, 11:47 AM

highlights

  • रक्षा मंत्रालय के 7000 कर्मचारी बैठ सकेंगे एक जगह
  • सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की वेबसाइट भी हुई लांच 
  • दोनों इमारतों पर खर्च हुए 775 करोड़ रुपए

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में दो रक्षा कार्यालय परिसरों का उद्घाटन किया. ये रक्षा कार्यालय परिसर दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मार्ग और अफ्रीका एवेन्यू में हैं. नए रक्षा कार्यालय परिसरों में सेना, नौसेना और वायु सेना सहित रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों के लगभग 7,000 अधिकारी काम कर सकते हैं. इस मौके पर पीएम मोदी ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की वेबसाइट भी लांच की. PMO की तरफ से बताया गया था कि ये भवन आधुनिक होने के साथ-साथ सुरक्षित भी हैं. उद्घाटन कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, आवास और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, आवास और शहरी कार्य राज्य मंत्री कौशल किशोर, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल विपिन रावत (सीडीएस) और सशस्त्र बलों के प्रमुख शामिल रहे.

केंद्र सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट सेंट्रल विस्टा के तहत पहली बिल्डिंग तैयार हो गई हैं. नए रक्षा कार्यालय परिसर काफी एडवांस हैं. इन इमारतों की एक खासयित यह भी है कि इनके निर्माण में नई और टिकाऊ निर्माण तकनीक, एलजीएसएफ (लाइट गेज स्टील फ्रेम) का इस्तेमाल हुआ है. इस तकनीक की वजह से पारंपरिक आरसीसी निर्माण की तुलना में निर्माण समय 24-30 महीने कम हो गया.

दरअसल, अबतक रक्षा मंत्रालय का मुख्य दफ्तर साउथ ब्लॉक के पास था, जबकि बाकी दफ्तर इधर-उधर थे. इनको अब इन दो बिल्डिंग्स में समाहित कर दिया जाएगा. दोनों ही बिल्डिंग्स अब तैयार हैं. अगले कुछ महीनों में कर्मचारी इनमें शिफ्ट हो जाएंगे.

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क्या होगा फायदा 
ये दोनों इमारतें सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं. पहला कार्यालय कस्तूरबा गांधी मार्ग (सेंट्रल दिल्ली) और दूसरा अफ्रीका एवेन्यू (चाणक्यपुरी) में स्थित है. रक्षा मंत्रालय के इन दो कार्यालयों को तैयार करने में 775 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. जानकारी के मुताबिक इन दो दफ्तरों में कुल 7 हजार ऑफिसर्स-कर्मचारी काम कर सकेंगे. जो कि 27 अलग-अलग संगठनों के होंगे. नए रक्षा कार्यालय परिसरों में सेना, नौसेना और वायु सेना सहित रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों के कर्मचारी बैठेंगे.