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अंडमान निकोबार को पीएम मोदी की सौगात, कहा- ये राष्ट्र की जिम्मेदारी थी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी सोमवार को अंडमान निकोबार में चेन्नई और पोर्ट ब्लेयर को जोड़ने वाली पनडुब्बी ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) का उद्घाटन किया. ये केबल चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर तक समुद्र के अंदर बिछाई गई है जिसकी मदद से अंडमान में अब इंटरनेट

Updated on: 10 Aug 2020, 01:45 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी सोमवार को अंडमान निकोबार में चेन्नई और पोर्ट ब्लेयर को जोड़ने वाली पनडुब्बी ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) का उद्घाटन किया. ये केबल चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर तक समुद्र के अंदर बिछाई गई है जिसकी मदद से अंडमान में अब इंटरनेट की स्पीड काफी तेज होगी. उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने कहा, नेता जी सुभाषचंद्र बोस को नमन करते हुए, करीब डेढ़ वर्ष पहले मुझे Submarine Optical Fibre Cable Connectivity परियोजना के शुभारंभ का अवसर मिला था. मुझे खुशी है कि अब इसका काम पूरा हुआ है और आज इसके लोकार्पण का भी सौभाग्य मुझे मिला है.

पीएम मोदी ने कहा, चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर, पोर्ट ब्लेयर से लिटिल अंडमान और पोर्ट ब्लेयर से स्वराज द्वीप तक, अंडमान निकोबार के एक बड़े हिस्से में ये सेवा आज से शुरु हो चुकी है. मैं अंडमान-निकोबार के लोगों को अनंत अवसरों से भरी इस कनेक्टिविटी के लिए बधाई देता हूं.

पीएम मोदी ने कहा, यह स्वतंत्रता दिवस पर अंडमान और निकोबार के लोगों के लिए एक प्रारंभिक उपहार है. समुद्र के नीचे 2,300 किलोमीटर केबल बिछाना और वह भी अनुसूची से पहले, जबकि केबल की गुणवत्ता को बनाए रखना एक सराहनीय काम है. यह एक आसान प्रोजेक्ट नहीं है.

'कोरोना जैसी महामारी भी नहीं रोक पाई काम'

पीएम ने कहा, कोरोना जैसी महामारी हमारी गति में बाधा नहीं बन पाई और काम समय से पहले पूरा हो गया. अंडमान और निकोबार के लोगों को कनेक्टिविटी प्रदान करना राष्ट्र की जिम्मेदारी थी. मैं इस परियोजना से जुड़े सभी लोगों को बधाई देता हूं.

पीएम मोदी ने कहा, हमारा समर्पण रहा है कि राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़े बॉर्डर एरिया और समुद्री सीमा से जुड़े क्षेत्रों का तेजी से विकास हो. अंडमान निकोबार को बाकी देश और दुनिया से जोड़ने वाला ये ऑप्टिकल फाइबर प्रोजेक्ट, Ease of Living के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है. अब अंडमान निकोबार के लोगों को भी मोबाइल कनेक्टिविटी और तेज इंटरनेट की वही सस्ती और अच्छी सुविधाएं मिल पाएगी, जिसके लिए आज पूरी दुनिया में भारत अग्रणी है.

उन्होंने कहा, बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी किसी भी पर्यटन केंद्र की पहली जरूरतों में से एक है. यह समस्या अब हल हो गई है. पर्यटक अब लौटने की जल्दी में नहीं होंगे और इस तरह, वे समुद्री भोजन और द्वीपों का आनंद लेंगे. यह क्षेत्र में पर्यटन और रोजगार में मदद करेगा. हिंद महासागर हजारों वर्षों से भारत के व्यापारिक और सामरिक सामर्थ्य का सेंटर रहा है. अब जब भारत Indo-Pacific में व्यापार-कारोबार और सहयोग की नई नीति और रीति पर चल रहा है, तब अंडमान-निकोबार सहित हमारे तमाम द्वीपों का महत्व और अधिक बढ़ गया है.

'मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी की बड़ी समस्या हल'

पीएम मोदी ने कहा, पीएम मोदी ने कहा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 12 द्वीपों में, उच्च प्रभाव वाली परियोजनाओं का विस्तार किया जा रहा है. मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी का एक प्रमुख मुद्दा आज हल हो गया है, और हम सड़क, वायु और पानी की कनेक्टविट को हल करने की दिशा में काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, आइलैंड के बीच और बाकी देश से Water Connectivity की सुविधा को बढ़ाने के लिए कोची शिपयार्ड में जो 4 जहाज बनाए जा रहे हैं, उनकी डिलिवरी भी आने वाले कुछ महीनों में हो जाएगी.

पीएम मोदी ने कहा, आज जब भारत आत्मनिर्भरता के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, Global Manufacturing Hub के रूप में, Global Supply और Value Chain के एक अहम प्लेयर के रूप में खुद को स्थापित करने में जुटा है, तब हमारे Waterways और हमारे Ports के नेटवर्क को सशक्त करना बहुत ज़रूरी है. अब ग्रेट निकोबार में करीब 10 हजार करोड़ की संभावित लागत से ट्रांसिप्मेंट पोर्ट के निर्माण का प्रस्ताव है. कोशिश है कि आने वाले 4-5 साल में इसके पहले फेस को बनाकर तैयार कर लिया जाए. एक बार जब ये पोर्ट बनकर तैयार हो जाएगा तो यहां बड़े-बड़े जहाज़ भी रुक पाएंगे