logo-image

'अब संकल्प भी हमारे होंगे, हौंसले और हथियार भी हमारे होंगे', दिवाली पर जवानों से बोले PM मोदी

जवानों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अब संकल्प भी हमारे होंगे, संसाधन भी हमारे होंगे..  हौंसले और हथियार भी हमारे होंगे. अब दम भी हमारा होगा कदम भी हमारे होंगे, हर सांस में विश्वास भी अपार होगा.

Updated on: 12 Nov 2023, 04:03 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर दिवाली  मनाने जवानों के बीच पहुंचे.इस बार वो हिमाचल प्रदेश के लेपचा में भारतीय जवानों के साथ दिवाली मनाई. ITBP के सुरक्षाबलों के साथ दिवाली मनाने पहुंचे पीएम मोदी ने कहा कि हमारे सुरक्षा बलों के साथ दिवाली मनाना गर्व से भरा अनुभव रहा है. संतोष और आनंद से भर देने वाला ये पल, मेरे लिए भी, आपके लिए और देशवासियों के लिए भी दीपावली में नया प्रकाश पहुंचाएगा, ऐसा मेरा विश्वास है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे देश के जवान हमेशा ही अपने प्राणों को न्यौछावर करने के लिए सबसे आगे रहते हैं. उन्होंने आगे कहा कि देश के जवानों ने हमेशा यह सच कर दिखाया है कि वे सीमा पर देश की सबसे मजबूत दीवार हैं, जिसे कभी कोई तोड़ नहीं पाएगा. भारत तब तक महफूज है जबकि इसकी सीमाओं पर हिमालय की तरह हमारे जवान अडिग खड़े हैं. आपके कारण भारत की भूमि सुरक्षित और समृद्ध के रास्ते पर चल रही है. पिछली दिवाली से इस बार की दिवाली का जो समय रहा. वो विशेषकर भारत के लिए अभूतपूर्व उपलब्धियों से भरा रहा है. भारत ने चांद पर अपना चंद्रयान उतारा, आदित्य एल-1 लॉन्च किया. इसी साल भारत की सीमाओं में वाइब्रेंट विलेज की शुरुआत हुई. खेल से लेकर अर्थव्यवस्था तक में भारत ने परचम लहराया. 

यह भी पढ़ें: Uttarkashi : निर्माणाधीन टनल धंसने से मलबे में दबे 36 मजदूर, रेस्क्यू ऑपरेशन में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम जारी

सपने सिर्फ सपने नहीं होंगे बल्कि इतिहास की एक नई गाथा लिखेंगे- पीएम मोदी

जवानों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अब संकल्प भी हमारे होंगे, संसाधन भी हमारे होंगे.. हौंसले और हथियार भी हमारे होंगे. अब दम भी हमारा होगा कदम भी हमारे होंगे, हर सांस में विश्वास भी अपार होगा. खिलाड़ी हमारा, खेल भी हमारा, जय, विजय और अजेय है प्रण हमारा. ऊंचे पर्वत हो या रेगिस्तान, सुंदर अपार या मैदान विकास, गगन में लहराता ये तिरंगा सदा हमारा. सपने सिर्फ सपने नहीं होंगे बल्कि इतिहास की एक नई गाथा लिखेंगे. पर्वत से भी ऊंचा होगा, पराक्रम ही विकल्प होगा.