दुनियाभर में मची हुई है उथल-पुथल, हताशा और निराशा से दूर रहें- पीएम मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी ने (PM Narendra Modi) गुरुवार को एक बार फिर देश को संबोधित किया. यह समारोह कोरोना वायरस के पीड़ितों और कोरोना वॉरियर्स (Corona warriors) के सम्मान में आयोजित किया गया
नई दिल्ली:
पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) गुरुवार को एक बार फिर देश को संबोधित करेंगे. यह समारोह कोरोना वायरस के पीड़ितों और कोरोना वॉरियर्स (Corona warriors) के सम्मान में आयोजित किया जा रहा है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएम मोदी बुद्ध पूर्णिमा कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. इस समारोह में पीएम मोदी सुबह मुख्य भाषण देंगे. पीएमओ ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है.
बुद्ध भारत के बोध और भारत के आत्मबोध, दोनों का प्रतीक हैं. इसी आत्मबोध के साथ, भारत निरंतर पूरी मानवता के लिए, पूरे विश्व के हित में काम कर रहा है और करता रहेगा. भारत की प्रगति, हमेशा, विश्व की प्रगति में सहायक होगी: पीएम मोदी
भगवान बुद्ध के बताए चार सत्य
1- दया
2- करुणा
3- सुख-दुख के प्रति समभाव
4- जो जैसा है उसको उसी रूप में स्वीकारना
ये सत्य निरंतर भारत भूमि की प्रेरणा बने हुए हैं: पीएम मोदी
ऐसे समय में जब दुनिया में उथल-पुथल है. कई बार दुःख-निराशा-हताशा का भाव बहुत ज्यादा दिखता है.
तब भगवान बुद्ध की सीख और भी प्रासंगिक हो जाती: पीएम मोदी
भगवान बुद्ध कहते थे कि मानव को निरंतर ये प्रयास करना चाहिए कि वो कठिन स्थितियों पर विजय प्राप्त करे उनसे बाहर निकले.थक कर रुक जाना कोई विकल्प नहीं होता. आज हम सब भी एक कठिन परिस्थिति से निकलने के लिए, निरंतर जुटे हुए हैं, साथ मिलकर काम कर रहे हैं: पीएम मोदी
समय बदला, स्थिति बदली, समाज की व्यवस्थाएं बदलीं, लेकिन भगवान बुद्ध का संदेश हमारे जीवन में निरंतर प्रवाहमान रहा है. ये सिर्फ इसलिए संभव हो पाया है क्योंकि, बुद्ध सिर्फ एक नाम नहीं हैं, बल्कि एक पवित्र विचार भी हैं: पीएम मोदी
बुद्ध किसी एक परिस्थिति तक सीमित नहीं हैं, किसी एक प्रसंग तक सीमित नहीं हैं. सिद्धार्थ के जन्म, सिद्धार्थ के गौतम होने से पहले और उसके बाद इतनी शताब्दियों में समय का चक्र अनेक स्थितियों परिस्थितियों को समेटते हुए निरंतर चल रहा है: पीएम मोदी.
लुम्बिनी, बोधगया, सारनाथ और कुशीनगर के अलावा श्रीलंका के श्री अनुराधापुर स्तूप और वास्कडुवा मंदिर में हो रहे समारोहों का इस तरह एकीकरण बहुत ही सुंदर है.हर जगह हो रहे पूजा कार्यक्रमों का ऑनलाइन प्रसारण होना अपने आप में अद्भुत अनुभव है: पीएम मोदी
भगवान बुद्ध का वचन है-
मनो पुब्बम् गम: थम्म:
मनो सेट्टा, मनो मया
यानी धम्म मन से ही होता है, मन ही प्रधान है. सारी प्रवृत्तियों का अगवा है: पीएम मोदी
भारत बिना किसी स्वार्थ के एक साथ खड़ा है. हमें अपने, अपने परिवार की रक्षा करनी है- पीएम मोदी
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