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राष्ट्रपति चुनाव: सोनिया, मुलायम, येचुरी, आडवाणी से मिले राजनाथ-नायडू, नहीं बताया रायसीना की रेस में कौन?

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए जोर-शोर से कवायद शुरू कर दी है। बीजेपी अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ विपक्षी दलों से लगातार बात कर रही है।

Updated on: 20 Jun 2017, 09:56 PM

highlights

  • राष्ट्रपति चुनाव के लिए बीजेपी ने शुरू की तैयारी, राजनाथ-वेंकैया ने सोनिया से की मुलाकात
  • राजनाथ, वेंकैया ने मुलायम सिंह यादव, सीताराम येचुरी से भी की मुलाकात
  • राष्ट्रपति उम्मीदवार कौन होगा इसपर नहीं हुआ खुलासा

नई दिल्ली:

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए जोर-शोर से कवायद शुरू कर दी है। बीजेपी अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ विपक्षी दलों से लगातार बात कर रही है। हालांकि सत्तारूढ़ दल ने रायसीना हिल्स के लिए रेस कौन लगाएगा इसका खुलासा अभी तक नहीं किया है।

शुक्रवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की टीम के सदस्य राजनाथ सिंह और वेंकैया नायडू की गाड़ी दिन भर लुटियन जोन में घूमती रही। दोनों नेताओं ने देश के सबसे बड़े विपक्षी दल कांग्रेस के सर्वे-सर्वा हों या राष्ट्रपति उम्मीदवार की रेस में सबसे आगे चल रहे वयोवृद्ध बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी सबसे अलग-अलग मुलाकात की।

विपक्षी दलों के साथ मुलाकात

राजनाथ-नायडू ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के अलावा समाजवादी पार्टी के मार्गदर्शक मुलायम सिंह यादव, बीएसपी के वरिष्ठ नेता सतीश चंद्र मिश्रा, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई नेता डी. राजा से अलग-अलग मुलाकात की।

वेंकैया नायडू ने नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव और समाजवादी पार्टी नेता राम गोपाल यादव से भी बात की।

नायडू ने इससे पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू से बातचीत कर चुके हैं।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि उनकी पार्टी प्रधानमंत्री के फैसले का समर्थन करेगी। वहीं, पवार ने कहा है कि वह दिल्ली आएंगे और इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।

मार्गदर्शक आडवाणी-जोशी के दर नायडू और राजनाथ

केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और वेंकैया नायडू ने भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एलके आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से भी मुलाकात की। दोनों नेता राष्ट्रपति उम्मीदवार के रेस में आगे चल रहे हैं। हालांकि बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आरोपी होने और इस मामले में सीबीआई कोर्ट की नये सिरे से सुनवाई के कारण बीजेपी उम्मीदवार नहीं भी बना सकती है।

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए राजनीतिक दलों से चर्चा के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की है, जिसमें राजनाथ, वेंकैया के अलावा अरुण जेटली भी शामिल हैं।

फिलहाल कांग्रेस की ना

कांग्रेस ने सरकार के साथ तब तक सहयोग करने से इनकार कर दिया है, जब तक सरकार राष्ट्रपति पद के लिए किसी उम्मीदवार का नाम पेश नहीं करती।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने बैठक के बाद कहा, 'उन्होंने (राजनाथ-नायडू) किसी भी नाम की पेशकश नहीं की बल्कि इसके बजाए वे हमसे से नाम का सुझाव मांगने लगे। हम उम्मीद कर रहे थे कि वे कोई नाम सुझाएंगे, जिसके बाद हमारी पार्टी और अन्य पार्टियों में उस पर चर्चा होगी।'

बीजेपी नेताओं ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। इस दौरान गुलाम नबी आजाद और मल्लिकार्जुन खड़गे मौजूद थे।

वहीं सीपीएम ने राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए धर्मनिरपेक्ष चेहरे की 'शर्त' रखी है।

शिवसेना का नया दांव
केंद्र और महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने की अपनी मांग की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) द्वारा अनदेखी के बाद शनिवार को सर्वोच्च पद के लिए कृषि वैज्ञानिक एम. एस. स्वामीनाथन के नाम की वकालत की

शिवसेना का यह बयान अमित शाह-उद्धव ठाकरे के बीच बैठक से कुछ घंटे पहले आया है। एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर समर्थन को लेकर यह बैठक होनी है।

शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा, 'अगर हम भारत को एक हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं, तो भागवत हमारी पहली पसंद हैं। लेकिन अगर किसी को उन पर आपत्ति है, तो स्वामीनाथन को राष्ट्रपति बना देना चाहिए।'

वैज्ञानिक एम. एस. स्वामीनाथन के नाम पर एनसीपी ने भी हामि भर दी है। एनसीपी नेता डीपी त्रिपाठी ने कहा, 'स्वामीनाथन देश के गौरव हैं। ऐसे व्यक्ति राष्ट्रपति हो तो संभव है सर्वसम्मति हो जाये।'

राष्ट्रपति चुनाव को लेकर मेट्रो मैन ई श्रीधरन का भी नाम आ रहा है। हालांकि श्रीधरन ने कहा है कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है। किसी दल ने बात नहीं की है।

राष्ट्रपति से मिले भागवत

केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के मार्गदर्शक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की। संघ ने इसे एक सद्भावना मुलाकात बताया है।

17 जुलाई के राष्ट्रपति चुनाव से पूर्व हुई इस मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में कयासों को जन्म दे दिया है, लेकिन आरएसएस ने इन कयासों को खारिज कर दिया।

उल्लेखनीय है कि शिवसेना ने भागवत का नाम राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में सुझाया है, लेकिन आरएसएस प्रमुख ने इस दौड़ से खुद को बाहर कर लिया है।

विपक्ष की कोशिश

विपक्ष भी राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर कई बार बैठक कर चुका है। 14 जून को विपक्षी नौ पार्टियों के नेताओं ने संसद भवन में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के कमरे में मुलाकात की थी।

बैठक में मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के महासचिव सीताराम येचुरी, जनता दल (युनाइटेड) के नेता शरद यादव, आरजेडी नेता लालू यादव, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रफुल्ल पटेल, समाजवादी पार्टी (सपा) के रामगोपाल यादव, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के सतीश चंद्र मिश्रा, कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन तथा द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के आर.एस.भारती शामिल हुए थे।

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