चुनाव आयोग ने देश के 14वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिये तारीखों की घोषणा कर दी है। घोषणा के अनुसार 17 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के लिये वोटिंग होगी और चुनाव परिणाम 20 जुलाई को आएंगे। चुनाव आचार संहिता को लेकर भी अहम दिशा निर्देश जारी कर दिये गए हैं।
जुलाई में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। चुनाव आयोग ने कहा है कि प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही नए राष्ट्रपति को चुनने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम ज़ैदी ने कहा है 14 जून को राष्ट्रपति चुनाव के लिये नोटफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। साथ ही 28 जून को नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख है।
चुनाव आयोग ने कहा कि 29 जून को नामांकन की समीक्षा की जाएगी और नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 1 जुलाई है। उन्होंने कहा कि 17 जुलाई सोमवार को राष्ट्रपति पद के लिए वोट डाले जाएंगे और 20 जुलाई को मतगणना होगी।
राजनीतिक दलों को भी उन्होंने सलाह दी कि वो अपने विधायकों, सांसदों और विधानपरिषद् के सदस्यों को राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग को लेकर किसी भी तरह का निर्देश या व्हिप जारी नहीं करेंगे।
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राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। लेकिन कोशिश की जा रही है कि चुनाव में एक ऐसा उम्मीदवार हो जो सबको स्वीकार हो। लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच की तल्खी को देखते हुए साझा उम्मीदवार खड़ा कर पाना दोनों के लिये मुश्किल होगा।
बीजेपी अपने सहयोगी दलों, विधानसभा, विधान परिषदों और दोनों सदनों के सांसदों के आंकड़ों के अनुसार बाज़ी मारती हुई दिख रही है। लेकिन विपक्ष के उम्मीदवार उतारने की स्थिति में मुकाबला कड़ा हो सकता है।
वोट पार्टी और वोटों का शेयर:
लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों के वोटों का एक मूल्य तय किया गया है। जिसके अनुसार एक सांसद के वोट का मूल्य 708 होता है।
इस प्रकार संसद के दोनों सदनों के 771 सांसदों के वोटों की वैल्यू 5 लाख 45 हजार 868 है।
राष्ट्रपति चुनाव में विधायकों और विधानपरिषद के सदस्यों का वोट भी पड़ता है। देश के सभी राज्यों को मिलाकर 4120 विधायक हैं। उनके वोटों की वैल्यू 5 लाख 47 हजार 786 है।
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इस तरह से सांसदों, विधायकों और पार्षदों को वोटों को मिला दिया जाए तो कुल 10 लाख 93 हजार 654 वोट होते हैं।
किसी भी दल को अपना उम्मीदवार जिताने के लिये आधे से एक ज्यादा यानी 5 लाख 46 हजार 828 वोट की ज़रूरत पड़ती है।
सत्ताधारी दल बीजेपी और उसके गठबंधन के दलों शिवसेना, अकाली दल, लोक जनशक्ति पार्टी, तेलुगू देशम पार्टी, पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और दूसरे सहयोगी दलों को मिलाकर उनके सांसदों और विधायकों के वोटों की संख्या 5,37,614 है।
ऐसे में बीजेपी को अपने उम्मीदवार को जिताने के लिये 11,828 अतिरिक्त वोट की ज़रूरत है।
हाल ही में एआईएडीएमके (पन्नीरसेल्वम गुट) ने बीजेपी के उम्मीदवार को समर्थन देने का ऐलान किया है। इधर खबर है कि वाईएसआर कांग्रेस भी बीजेपी उम्मीदवार को समर्थन दे सकता है। बीजेपी कुछ और दलों से संपर्क में है। समर्थन मिलने के बाद बीजेपी अपने उम्मीदवार को जीता पाने में सफल होगी।
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Source : News Nation Bureau