राष्ट्रपति चुनाव 2017: महागठबंधन की 'गांठ' पड़ी कमजोर, जेडीयू ने कोविंद को समर्थन के लिये नीतीश को दी बधाई
राष्ट्रपति चुनाव मबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन दिए जाने के बाद जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस के महागठबंधन के बीच की दरार0 अब साफ दिखने लगी हैं।
highlights
- जेडीयू-आरजेडी महागठबंधन में और बढ़ी तनातनी
- जेडीयू ने नीतीश कुमार के समर्थन में लगाए पोस्टर
नई दिल्ली:
राष्ट्रपति चुनाव में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन दिए जाने के बाद जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस के महागठबंधन के बीच की दरार अब साफ दिखने लगी हैं।
राजधानी पटना में जेडीयू नेताओं ने नीतीश कुमार के समर्थन में पोस्टर लगाए हैं जिसमें लिखा गया है कि 'राष्ट्रपति चुनाव में श्री राम नाथ कोविंद जी के समर्थन पर विकास पुरुष श्री नीतीश कुमार जी का ऐतिहासिक फैसला के लिए बधाई।'
इस पोस्टर के बाद अब वहां के राजनीतिक हालात को देखते हुए माना जा रहा है कि राष्ट्रपति चुनाव के बाद ये गठबंधन टूट सकता है। इस बात के संकेत एक दिन पहले जेडीयू के वरिष्ठ नेता और सीएम नीतीश कुमार के करीबी केसी त्यागी के बयानों से भी मिल रहे हैं।
केसी त्यागी ने कहा था, 'अटल बिहारी वाजपेयी के समय में एनडीए में रहते हुए उनकी पार्टी ज्यादा कंफर्टेहल महसूस करती थी। कोविंद के उम्मीदवारी का समर्थन करने के बाद जिस तरह नीतीश कुमार को निशाना बनाया जा रहा है उससे जेडीयू कार्यकर्ता बेहद दुखी हैं।' इसके साथ ही अप्रत्यक्ष तौर पर आरजेडी पर निशाना साधते हुए केसी त्यागी ने कह दिया कि देश हित में उनकी पार्टी एनडीए सरकार के फैसलों का समर्थन करती रहेगी।
नीतीश कुमार के एनडीएन उम्मीदवार को समर्थन के ऐलान के बाद आरजेडी विधायक और लालू यादव के करीबी भाई वीरेंद्र के सीएम पर दिए बयान के बाद ही साफ हो गया था कि दोनों पार्टियों के बीच सबकुछ ठीक नहीं चला रहा है।
नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए भाई वीरेंद्र ने कहा था कि, 'ऐसा कोई सगा नहीं जिसको नीतीश कुमार ने ठगा नहीं।' जेडीयू ने भाई वीरेंद्र के इस बयान पर कार्रवाई की मांग की थी जिसपर आरजेडी अध्यक्ष लालू ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया। इसके बाद गठबंधन की गांठ को कमजोर करने में आगे में घी का काम डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के एक बयान ने कर दिया।
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नीतीश कुमार के कोविंद को समर्थन दिन जाने के बाद बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी फेसबुक पर अपने दिल की बात लिखते हुए बिना नाम लिए निशाना साधा था और उन्हें शुतुरमुर्ग तक करार दे दिया था।
तेजस्वी के इस बयान के बाद दोनों पार्टियों में और ज्यादा खटास आ गई है। अब लोग इस बात का अंदाजा लगाने में जुटे हुए है कि अब ये गठबंधन की डोर कितने समय तक तीनों दलों को बांधे रख पाएगी।
नीतीश कुमार के कोविंद के समर्थन में आने के बाद आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव ने उन्हें ऐतिहासिक भूल नहीं करने की सलाह दी थी। इसके जवाब में नीतीश कुमार ने कहा था कि बिहार की बेटी को हारने के लिए राष्ट्रपति चुनाव में खड़ा किया गया है।
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